वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ माना गया है। वरलक्ष्मी व्रत श्रावण माह के अंतिम दिन रखा जाता है। संयोग से वरलक्ष्मी व्रत के दिन शुक्रवार का संयोग बन रहा है। हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
कब रखा जाएगा वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) ?
साल 2025 में वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा, इस दिन सावन माह की चतुदर्शी तिथि रहेगी। यानि यह व्रत को रक्षाबंधन से एक दिन पहले रखा जाएगा। मां लक्ष्मी का वरलक्ष्मी रूप वरदान प्रदान करता है जो अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) महत्व
देवी वरलक्ष्मी को देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। मां लक्ष्मी के इस रूप को वरदान के रूप में जाना जाता है, अर्थात देवी लक्ष्मी वह हैं जो वर प्रदान करती हैं। वर का अर्थ का वरदान, इस व्रत को रख कर मां लक्ष्मी से जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, सुख समृद्धि का जीवन, शांति, संतान, दीर्घ वैवाहिक जीवन और सुरक्षा का वरदान मां लक्ष्मी से मांगा जाता है।इस खास व्रत को केवल महिलाएं ही नहीं करती बल्कि पुरुष भी रखते हैं।
वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) को करने से जीवन में धन, वैभव, सुख, संतान, समृद्धि और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। वरलक्ष्मी व्रत की पूजा निर्धारित समय पर होना जरूरी होता है। जीवन में धन-धान्य और समृद्धि के लिए इस दिन व्रत कर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस दिन क्या करें?
– वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) के दिन सुबह स्नान के बाद मां वरलक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें।
– पूजा के दौरान देवी वरलक्ष्मी को हल्दी के लेप में लिपटा तोरम धागा जिसमें 9 गांठ होती हैं वह जरूर बांधे।
– इस दिन सुहागिन महिलाएं श्रृंगार के सामान का दान करें।