जयपुर। राजस्थान की राजनीति में बड़े फेरबदल होने की संभावना नजर आ रही है। राजस्थान बीजेपी के कुछ नेताओं को शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में एक बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया है, लेकिन बड़ी बात यह है इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आमंत्रित नहीं हैं।
इससे राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में हलचल है। जेपी नड्डा ने बैठक के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर को बुलाया है। फिलहाल, ये नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। चर्चा है कि इस बैठक में राजस्थान की राजनीति से जुड़े मुद्दों पर बात होगी, ऐसे में राजे को न बुलाया जाना राजस्थान भाजपा में किसी बड़े उलट-फेर की तरफ इशारा करता है।
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आखिर नड्डा ने इन तीन बड़े नेताओं को किसलिए बुलाया है?
ये नेता इससे पहले भी बैठक के लिए दिल्ली जा चुके हैं। उस बैठक के बाद से ही राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक संकट का दौर शुरू हुआ था। अब इन नेताओं को दोबारा बुलाए जाने पर चर्चा हो रही है कि आखिर नड्डा ने इन तीन बड़े नेताओं को किसलिए बुलाया है? ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद भाजपा राजस्थान सरकार को गिराकर प्रदेश की राजनीति में कई बड़े बदलाव करेगी।
राजस्थान भाजपा की सियासत में अब वसुंधरा की धाक पड़ रही है फीकी
इस बैठक को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि ये सामान्य बैठक है। इसमें राजस्थान में होने वाले विधानसभा के तीन उप चुनाव, निकायों के चुनाव पर चर्चा व तैयारियों पर बातचीत होगी। हालांकि, बैठक में वसुंधरा राजे को न बुलाए जाने से यह बात साफ है कि राजस्थान भाजपा की सियासत में अब उनकी धाक फीकी पड़ रही है। हाल ही में वसुंधरा राजे के विरोधी नेता घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा में वापसी की है। पहले राजे के विरोध के चलते ही तिवाड़ी की वापसी टाल जा रही थी। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि राजस्थान में वसुंधरा विरोधी पाला मजबूत हो रहा है।