अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha)समारोह के लिए काशी से पांच सदस्यीय वैदिक आचार्यों का दल मंगलवार की देर रात अयोध्या पहुंच गया है। प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित व गणेश्वर द्रविड़ 14 जनवरी तक अयोध्या पहुंचेंगे। आचार्यों के दल में कर्मकांडी विद्वान अरुण दीक्षित, पंडित सुनील दीक्षित, अनुपम कुमार दीक्षित और पंडित गजाननर जोधकर के साथ ही सांगवेद महाविद्यालय के अचार्य और यज्ञकुंड निर्माण पद्धति के विशेषज्ञ पंडित दत्तात्रेय नारायण शामिल हैं। प्राण प्रतिष्ठा के लिए दो मंडपों में कुल नौ हवन कुंड बनाए जाने हैं। इनका निर्माण आज से शुरू हो जाएगा। कुंड का आकार भले ही अलग-अलग होगा, लेकिन उनका क्षेत्रफल एक जैसा ही रहेगा। निर्माण सामग्री में ईंट, बालू, मिट्टी, गोबर, पंचगव्य और सीमेंट का उपयोग किया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुरू होगा विदेशी रामलीला का मंचन
श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha)समारोह के पहले अयोध्या में विदेशी राम लीला का मंचन शुरू होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसकी कार्ययोजना तैयार की गई है। वैश्विक स्तर पर अयोध्या और श्री राम की शिक्षाओं को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए यहां देश-विदेश की 18 से ज्यादा रामलीलाओं का मंचन होगा। प्रभु श्रीराम को केंद्र में रखकर विभिन्न सांस्कृतिक, पारंपरिक लोक कला व आध्यात्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।
मंचन मकर संक्रांति 15 जनवरी से 22 जनवरी के बीच होगा। इसके लिए नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन पर आधारित विभिन्न प्रसंगों की प्रस्तुतियां देंगी।
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तुलसी भवन स्मारक स्थित तुलसी मंच पर देश व विदेश की विभिन्न रामलीलाओं का मंचन प्रस्तावित हैं। रामकथा पार्क के पुरुषोत्तम मंच, भजन-संध्या स्थल के सरयू मंच, तुलसी उद्यान के कागभुशुंडि मंच व तुलसी स्मारक भवन के तुलसी मंच पर रामलीला मंचन समेत विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व लोक कला आधारित कार्यक्रमों का मंचन व संचालन किया जाएगा।