बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी के घर को बचाने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित कर लिया है
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खण्डपीठ के समक्ष फरहत अंसारी ने याचिका दायर कर डालीबाग स्थित घर गाटा संख्या 93 को बचाये जाने की मांग की है और लखनऊ विकास प्राधिकरण की कार्रवाई को गलत एवं विधि विरूद्ध बताया है ।
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याची के अधिवक्ता का कहना था कि यह कार्रवाई निशक्रांत संपत्ति होने के तहत की जा रही है जो पुराने नियम कायदों के अनुसार है लिहाजा कानून की नजर में यह उचित नहीं है। राज्य सरकार की ओर से व लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से दलीले दी गई की गाटा संख्या 93 पर स्थित फरहत अंसारी का यह मकान गैर कानूनी है और लखनऊ विकास प्राधिकरण की कार्रवाई पूर्णतः कानूनन सही है ।
यह भी कहा गया कि निष्करान्त सपत्तियों पर बने हुए मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों के घरों को पहले ही ध्वस्त किया जा चुका है। यह भवन भी निष्करान्त सम्पत्ति पर गैर कानूनी तरीके से बनाया गया है और लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसको ध्वस्त करने के आदेश दे दिए हैं
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अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से की गई बहस को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।







