जैसलमेर। राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान के बीच आज राजस्थान उच्च न्यायालय के बसपा विधायकों को नोटिस तामील करने के आदेश पर प्रतिक्रिया करते हुए जैसलमेर में मौजूद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं अन्य मंत्रियों ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि वे न्यायपालिका का सम्मान करेंगे।
मंत्रियों ने यह भी कहा कि न्यायालय का निर्णय जो भी होगा उससे सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और जरूरत से भी अधिक बल मौजूद है।
उधर पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने इस संबंध में बताया कि अब तक उन्हें बसपा विधायकों के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के संबंध में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। न्यायालय जो भी आदेश देगा वह उसकी पालना करवाएंगे। नोटिस को तामील कराने के संबंध में न्यायालय के आदेशों की पालना की जाएगी।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में बसपा के छह विधायक भी जैसलमेर की सूर्यागढ़ होटल में बाड़ाबंदी में रह रहे हैं। 31 जुलाई को जब कांग्रेस के विधायकों को जयपुर के होटल से जैसलमेर भेजा गया तो उनके साथ बसपा विधायक राजेन्द्र सिंह गुढा, लखन सिंह, दीपचंद खेदिया, जोगेन्द्र सिंह अबाना, संदीप कुमार और वाजिब अली भी शामिल थे। ये विधायक किसी तरह होटल से बाहर न जा पाएं, इसके लिये इनकी सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
हालांकि ऐसी चर्चा है कि बसपा के इन छह विधायकों को और कहीं भेजा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इन विधायकों को जैसलमेर में नोटिस तामील करवाना मुश्किल होगा, लेकिन अब तक इन्हें कहीं और भेजे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल ये विधायक जैसलमेर की सूर्यागढ़ होटल में ही मौजूद हैं।