गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वर्ष, गंगा दशहरा की तिथि को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि यह 5 जून को है या 6 जून को। आइए, इस खबर में हम आपको गंगा दशहरा की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताते हैं।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कब है?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 6 जून को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, इस बार गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) 2025 के शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारंभ 05 जून 2025, दोपहर 02:32 बजे।
दशमी तिथि का समापन 06 जून 2025, शाम 04:37 बजे होगा।
हालांकि, गंगा स्नान और दान-पुण्य पूरे दिन किए जा सकते हैं। लेकिन विशेष मुहूर्त में पूजा करना और भी फलदायी माना जाता है।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) की पूजा विधि
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। पूजा स्थल को साफ करें और मां गंगा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। मां गंगा को पुष्प, अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। गंगा दशहरा की कथा पढ़ें या सुनें।”ओम नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करें। आखिर में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें। इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आप अपनी श्रद्धा और क्षमता अनुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का महत्व
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। गंगा को मोक्षदायिनी माना जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। ‘दशहरा’ शब्द ‘दस’ और ‘हरा’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है दस प्रकार के पापों को हरने वाली।
मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। गंगाजल को पवित्र और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा पर पितरों का तर्पण करने का भी विधान है, जिससे उन्हें शांति मिलती है।