गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) मां गायत्री को समर्पित है। यह सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। माता गायत्री को वेदों की देवी माना जाता है और उनका गायत्री मंत्र सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। गायत्री जयंती ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है, इसलिए गायत्री जयंती का दिन छात्रों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 जून को देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं तिथि की समापन अगले दिन 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, गायत्री जयंती का पर्व 6 जून को मनाया जाएगा।
गायंत्री जयंती (Gayatri Jayanti) पूजा विधि
गायंत्री जयंती के दिन पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। उसके बाद सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। उसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें। फिर मां को भोग अर्पित करें।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
गायत्री जंयती (Gayatri Jayanti) का महत्व
गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। मान्यता है कि गायत्री जयंती के दिन मां गायत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही इस मंत्र का जाप मात्र करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।