हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत का विशेष महत्व है .साल में 3 बार तीज का व्रत रखा जाता है. हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज. ये तीनों व्रत पति की लंबी उम्र, संतान की उन्नति और परिवार की खुशहाली के लिए रखे जाते हैं. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.आइए जानते है इस साल हरतालिका तीज (Hartalika Teej) की डेट, मुहूर्त और महत्व.
इस व्रत (Hartalika Teej) में बालू और मिट्टी से बने शिव पार्वती के परिवार की पूजा की जाती है. माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए इस पूजा को किया था.
कब है पूजा का शुभ मुहूर्त ?
पंचाग के अनुसार 17 सितंबर को 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरू होगी जो अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार से यह व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा.18 सितंबर को सुबह 6 बजे से रात के 8 बजकर 24 मिनट तक का समय शिव और पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त है.लेकिन शाम को प्रदोष काल के समय पूजा करना बेहद अच्छा माना जाता है.
व्रत के दिन सोलह श्रृंगार का महत्व
इस दिन सुबह स्नान के बाद स्त्रियों को व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रती महिलाओं को पूजा के दौरान सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए. पूजा के लिए बालू और मिट्टी के शिव पार्वती समेत परिवार की प्रतिमा बनानी चाहिए और फिर पूरे विधि-विधान से उसकी पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. इससे अखंड सौभाग्य का व्रत मिलता है.इसके साथ ही घर में सुख शांति और वैभव की प्राप्ति भी होती है.