हिंदू परंपरा में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। यह केवल धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि श्रद्धा, आस्था और मानसिक शांति का माध्यम है। सही विधि-विधान से की गई पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है और वातावरण को पवित्र बनाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के कुछ नियमों का पालन करने से घर का ऊर्जा संतुलन भी बना रहता है। लेकिन इन नियमों में एक सवाल अक्सर लोगों को उलझा देता है—भगवान को अर्पित किए गए फूलों (Flower) को कब हटाना उचित है? आइए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं।
मंदिर से फूल (Flower) हटाने का सही समय
अक्सर लोग मंदिर में फूल (Flower) चढ़ा तो देते हैं, पर उन्हें हटाने का सही समय भूल जाते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अर्पित फूलों को तुरंत नहीं, लेकिन सूर्यास्त से पहले अवश्य हटा लेना चाहिए। मंदिर में मुरझाए या सूखे फूल रखना शुभ नहीं माना जाता।
ऐसे फूल नकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। कहा जाता है कि इनसे निकलने वाली तरंगें क्रोध और चिड़चिड़ापन बढ़ा सकती हैं। इसलिए, पूजा घर से पुराने फूल समय रहते हटा देना ही उचित है।
भगवान को फूल (Flower) अर्पित करने की सही विधि
फूल (Flower) चढ़ाने से पहले उनकी पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। यदि आप घर के बगीचे या गमलों से फूल तोड़ रहे हैं, तो सबसे पहले स्नान कर लें। इसके बाद फूलों को स्वच्छ पानी से धो लें। वास्तु और शास्त्र दोनों मानते हैं कि भगवान को फूल डंठल की ओर से पकड़कर अर्पित करना ही उचित तरीका है। इससे अर्पण की शुद्धता और आदर दोनों कायम रहते हैं।








