मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार का मेडिसिन किट मॉडल पूरी दुनिया में सराहा गया है। वे बुधवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का असर कम करने में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अहम भूमिका है। हर मरीज तक मेडिसिन किट पहुंचाने में कार्यकत्रियों ने पूरी जिम्मेदारी से काम किया। कहा कि दूसरे देशों से यूपी के इस मॉडल की जानकारी के लिए उनके पास फोन आते हैं।
शिक्षण संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं की तरफ से आंगनबाड़ी केंद्रों और टीबी रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेने की शुरू की गई योजना के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पर समाज आगे और सरकार पीछे चलती है, वहां पर बेहतर बदलाव देखने को मिलता है।
तभी यह जनांदोलन बनता है जो लोक कारक होता है। बताया कि इस तरह का अभियान पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का एक स्वरूप है। इसकी शुरुआत कानपुर से हो रही है। दीनदयाल को कानपुर से काफी लगाव था।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की तरह प्राथमिक विद्यालयों को समाज के माध्यम से मजबूती देने की योजना सरकार ने बना रखी है। कोरोना महामारी की वजह से इसे अभी लागू नहीं किया जा सका है।
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जैसे ही समय मिलेगा, इस पर काम किया जाएगा। इसके माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े क्षेत्रों में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने सम्मानित भी किया।
क्या है मेडिसिन किट मॉडल
कोरोना के दौरान प्रदेश सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को निशुल्क मेडिसिन किट दी गई थी। इसमें कोरोना के दौरान दी जाने वाली सारी दवाएं, मास्क, सैनिटाइजर आदि रहा। ये किट सभी सरकारी अस्पतालों से मुहैया कराई जा रही थीं। सरकार के मुताबिक इसका फायदा ये हुआ कि अस्पतालों में भीड़ नहीं जुट पाई और हल्के लक्षण वाले मरीज घर में ही ठीक हो गए।