साथ जीने मरने की कसमें तो लोग अक्सर खाते रहते हैं, पर शायद ही कोई निभा पाता हो, लेकिन कानपुर के हैलट अस्पताल में बुजुर्ग दम्पति ने ऐसा कर दिखाया।
हुआं यू कि डेंगू पीड़ित पति का इलाज पत्नी अस्पताल में करवा रही थी और दवा लेने वह अस्पताल के बाहर गई। इसी दौरान वह तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गई और उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत की जानकारी पर पति ने भी प्राण त्याग दिये। यह घटना पूरे अस्पताल में चर्चा का विषय बन गई। इसके साथ ही साथ जीने और मरने की कहानी चरितार्थ हो गई।
घाटमपुर निवासी बीरपुर गांव निवासी 70 वर्षीय रामरतन की तबीयत खराब होने पर 04 नवम्बर को उन्हें कानपुर के हैलेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रामरतन के घर में 65 वर्षीय उसकी पत्नी भूरी देवी और बेटा अनिल कुमार, पिंटू और विनोद है।
रामरतन के इलाज के दौरान उसके साथ उसकी पत्नी भूरी देवी तथा उसके बेटे और बहू भी थे। बताया जा रहा है कि पति के इलाज के लिए पत्नी बाहर दवा लेने गई थी और अज्ञात कार ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत की जानकारी पर पति रामरतन ने भी प्राण त्याग दिये।
बेटे विनोद के बताया कि मां को जब इमरजेंसी ले जा रहे थे तभी उनकी मौत हो गई। करीब एक घंटा बाद जानकारी पर पिता ने भी दम तोड़ दिया।