योगी सरकार ने चुनावी वर्ष में राज्य की 57 सड़कों को ग्रामीण मार्गों और अन्य जिला मार्गों की श्रेणी में सुधार करके प्रमुख जिला मार्ग में बदलने की मंजूरी दे दी है। प्रमुख जिला मार्ग घोषित की गईं इन सड़कों की कुल लंबाई 2830.36 किलोमीटर है। इन सड़कों को प्रमुख जिला मार्ग के तौर पर विकसित करने में 2657 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
लोक निर्माण विभाग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए स्टेट हाईवे की तर्ज पर जिला मार्गों की चौड़ाई को भी सात मीटर करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में इन 57 सड़कों को सात मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। प्रमुख जिला मार्ग में तब्दील होने पर इन सड़कों का बेहतर रखरखाव हो सकेगा।
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दरअसल कई जनप्रतिनिधियों की तरफ से जिलों में ट्राफिक जाम की शिकायतों के बाद अधिकारियों ने ये प्रस्ताव दिया था जिसको मंजूरी दे दी गई है।
हालांकि इसके पहले डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने राज्य की सड़कों के चौड़ीकरण और मरम्मत के लिए 78 करोड़ 28 लाख 60 हजार की धनराशि जारी की है। इससे यूपी के 8 जिलों को खासतौर पर फायदा होगा, जिसमें लखीमपुर खीरी, कन्नौज, गाजीपुर, बस्ती, फिरोजाबाद बाराबंकी, मथुरा और बहराइच शामिल हैं।
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इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी किया गया है। शासनादेश के मुताबिक, यूपी के प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि चालू कार्यों हेतु आवंटित धनराशि का व्यय /उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और बजट मैनुअल एवं वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों व स्थाई आदेशों आदि का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।