समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल रही में शिक्षक पात्रता परीक्षा का परीक्षा का पेपर लीक होने का ठीकरा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर फोड़ते हुये कहा है कि जान बूझ कर सरकार ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करा रही है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के युवा नौकरियों से वंचित रह जायें।
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में अगले साल संभावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को बुंदेलखंड में विजय रथ यात्रा का बांदा से आगाज कर महोबा में एक जनसभा को संबोधित करते हुये योगी सरकार को राज्य की बदहाली के लिये जिम्मेदर ठहराया।
अखिलेश ने कहा कि पेपर लीक की यह पहली घटना नहीं है, पिछले कुछ सालों में पेपरलीक की कई घटनायें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार जान बूझ कर पेपर लीक कराती है जिससे मुसलमान नौजवानों को नौकरी न मिल सके।
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तंज करते हुए कहा कि जो व्यक्ति लैपटॉप चलाना नही जानता है वह छात्र छात्राओं को लैपटॉप कभी नहीं दे पाएगा। उन्होंने भाजपा सरकार झूठ बोलने और सपा सरकार द्वारा शुरु किये गये कामों का उद्घाटन करने का आरोप लगाते हुये कहा कि योगी सरकार ने पुरानी योजनाओं के नाम बदलकर शुरु करने का विश्व रिकार्ड बना लिया है।
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश की जनता अब तय करे कि उसे योगी सरकार चाहिए या फिर अपनी कथनी और करनी में समानता रखने वाली एक योग्य सरकार चाहिये। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को विकास के मामले में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से काफी पीछे कर दिया है और चारों ओर नफरत फैलाई गई है।
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सपा अध्यक्ष ने झूठी विकास की तस्वीरों के भी पकड़ में आने का हवाला देते हुये कहा कि विज्ञापनों में दूसरे देशों की तस्वीरें छपवा कर झूठे सपने दिखाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अखबारों में छपे विज्ञापनों में कोलकाता का फ्लाई ओवर, अमेरिका के कल कारखानों तथा बुंदेलखंड के बांध के नाम पर छापी गई तस्वीरों में जो झूठ दिखा वह किसी से छिपा नही है।
अखिलेश ने कहा कि नाम और रंग बदल कर किये जा रहे विकास की पोल खुल चुकी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार के प्रमुखों को ‘चिलमजीवी और परिवारविहीन’ बताते हुये कहा, “लखनऊ और दिल्ली में बैठे परिवारविहीन लोग गरीबों के दुख दर्द को नही समझ सकते। आगामी चुनाव में जनता इसका करारा जवाब देगी और इन जुमलेबाजों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।”
सपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सभी 19 सीटें जिताकर अपना समर्थन देने वाला ये इलाका आज भी बदहाल है। पानी के अभाव में यहां के लोग प्यासे है और खेतो की सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है। मंहगाई से आम आदमी बेहाल है। युवा वर्ग बेरोजगारी का शिकार है तो किसान खाद एवं बीज के लिए परेशान है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों को लुभावने सपने दिखाए। किसानों से आय दोगुनी करने के वायदे किये और युवाओं को नौकरियों के सब्जबाग दिखाए। लेकिन डबल इंजन की सरकार का बुंदेलखंड में आकर इंजन फेल हो गया। सपा मुखिया ने कहा कि सपा ने मुसीबत में हमेशा बुंदेलखंड की मदद की है। पार्टी ने किसानों की आत्महत्या और कोरोना के कारण लगाए गए लाकडाउन के वक्त पर बुन्देलखंडवासियो का साथ दिया। बुंदेलखंड में जल संचय के लिए तालाब खोदे और बांधो का निर्माण कराया। लेकिन भाजपा के लोग कुछ नया करने की बजाय पुराने कार्यो का शिलान्यास व उद्घाटन कर इन्हें अपनी उपलब्धियों में जोड़ रहे है।
उन्होंने सूबे में समाजवादी सरकार बनने पर बुंदेलखंड की समस्याओं का प्राथमिकता से निदान करते हुए कृषि और किसानों के विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन करने, नौजवानों के लिए भारी संख्या में सरकारी नौकरियो में भर्ती खोलने, महिलाओं की 500 रुपये प्रतिमाह की पेंशन को तीन गुना करने और गरीबों को घी तेल युक्त राशन पैकेट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। अखिलेश ने यह भी कहा कि नीति आयोग के मुताबिक बुंदेलखंड में 32 लाख लोग गरीबी और भुखमरी में जीवन यापन कर रहे है। इनकी मदद सपा की प्राथमिकता होगी।