उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 17 हजार मदरसों में पढ़ने वाले 3 लाख से अधिक छात्रों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। मदरसा बोर्ड से इंटरमीडिएट कामिल की परीक्षा देने वाले छात्र अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला लेकर उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा भी कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपी मदरसा बोर्ड जल्द ही काउंसिल ऑफ बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (कोबसे) में रजिस्ट्रेशन कराने जा रहा है। इसके बाद मदरसा बोर्ड के छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की राह खुल जाएगी। अभी कोबसे में रजिस्ट्रेशन न होने से छात्र राज्य विश्वविद्यालय में ही दाखिला ले पाते हैं।
यूपी मदरसा बोर्ड के सदस्य जिरगामुददीन बताते हैं कि पूर्व की सरकारों ने मदरसा छात्रों के हित में कुछ नहीं किया। मदरसा बोर्ड से हर साल लाखों की संख्या में छात्र पढ़कर बाहर निकलते हैं। मार्कशीट होने के बाद भी वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला नहीं ले पाते हैं क्योंकि अन्य बोर्डों की तरह मदरसा बोर्ड कोबसे में रजिस्टर्ड नहीं है। यहां के छात्र केन्द्र में नौकरियों में भी आवेदन नहीं कर पाते हैं। उनका सेना में जाने का सपना भी अधूरा ही रह जाता है।
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सीएम योगी की चार साल की सरकार में मदरसा छात्रों के काफी काम किए गए। कई बड़े बदलाव मदरसा बोर्ड में देखने को मिले हैं। सरकार का सबसे बड़ा फैसला कोबसे में मदरसा बोर्ड का रजिस्ट्रेशन कराने का है।
जिरगामुददीन बताते हैं कि मदरसा बोर्ड ने कोबसे में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दस्तावेजों को तैयार करने का काम किया जा रहा है। शासन के अधिकारियों के साथ भी इसे लेकर बैठक हो चुकी है। उम्मीद है कि नए सत्र तक मदरसा बोर्ड का कोबसे में रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।
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मदरसा बोर्ड के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इससे पहले प्रदेश की योगी सरकार ने मदरसों में एनसीईआरटी कि किताबों को लागू कराने का काम किया है ताकि मदरसे के छात्र दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा से जुड़ सकें। यही नहीं प्रदेश सरकार ने मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को नियमित करने का काम भी किया ताकि छात्र परीक्षा देने के बाद उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए समय पर दाखिला ले पाएं। यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में आयोजित होना शुरू हुई।