सोनभद्र। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए एक आत्महत्या (Suicide Case) के मामले में दोषी रविन्द्र उर्फ अरविंद को 7 वर्ष की कैद (Jailed) एवं 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी ने कोतवाली दुद्धी में दी। तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी 16 फरवरी 2010 को जहर खा लिया, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई।
इस घटना के समय वह मिर्जापुर गया था। घर आने पर पता चला कि दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के खैराही गांव निवासी रवींद्र उर्फ अरविंद पुत्र छाया प्रसाद जो सिलाई का कार्य करता था। वह हमेशा बेटी के साथ छेड़खानी करता रहता था, अपने पास बुलाया करता था। इसी से तंग आकर बेटी ने आत्महत्या कर ली। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया।
पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रवींद्र उर्फ अरविंद को 7 वर्ष की कैद एवं 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड जमा होने पर 40 हजार रुपये मुकदमा वादी को मिलेगा। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।