लाइफ़स्टाइल डेस्क। क्या आप ताउम्र जवां दिखना चाहते हैं? अगर हां तो चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनाए रखिए। उदास दिखने या कोई हावभाव नहीं दर्शाने पर सामने वाला आपकी आयु कहीं ज्यादा करके आंकता है। ‘जर्नल ऑफ हैप्पिनसे स्टडीज’ में छपा न्यू कैसल यूनिवर्सिटी का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक हंसते-खिलखिलाते चेहरे को लोग व्यक्ति के ज्यादा ऊर्जावान होने की निशानी के तौर पर देखते हैं। यही नहीं, इससे संबंधित व्यक्ति खुद भी ‘फील गुड’ महसूस करता है। उसमें स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का उत्पादन घटने के साथ ही रक्तचाप नियंत्रित रहने और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होने जैसे सकारात्मक बदलाव दिखते हैं, जो ढलती उम्र के लक्षण छिपाने में मददगार हैं।
नियमित रूप से टलें-
एमी बेयर्ड के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में लोगों को टहलने के लिए रोजाना कम से कम आधे घंटे का समय जरूर निकालने की सलाह दी गई है। इससे न सिर्फ चयापचय क्रिया दुरुस्त रखने में मदद मिलती है, बल्कि ‘फील गुड’ हार्मोन एंडॉर्फिन का उत्पादन बढ़ने के साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों में क्षरण की समस्या भी दूर रहती है।
कोई जानवर पालें-
अध्ययन में पालतू जानवरों को तनाव घटाने में बेहद कारगर करार दिया गया है। बेयर्ड ने बताया कि कुत्ता या बिल्ली पालने पर व्यक्ति शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के साथ ही भावनात्मक स्तर पर मजबूती महसूस करता है। इससे बुढ़ापे के लक्षणों को दूर रखने में आसानी होती है।
कुछ नया सीखें-
बेयर्ड ने हमेशा कुछ नया सीखने के साथ ही रचनात्मक कार्यों में मन लगाने की भी नसीहत दी है। उनकी मानें तो नई चीजें सीखने से न सिर्फ आत्मविश्वास में इजाफा होता है, बल्कि याददाश्त और तार्किक क्षमता भी दुरुस्त रखने में मदद मिलती है। इससे व्यक्ति का जवां दिखना लाजिमी है।
पसंदीदा गाने सुनें, फिल्में देखें-
अध्ययन में यह भी देखा है कि लोग अगर युवावस्था में मन को भाने वाले गाने सुनें या फिल्में देखें तो मस्तिष्क का वह हिस्सा सक्रिय हो जाता है, जो पुराने दिनों की खुशनुमा यादों में लौटने का मौका देता है। यही नहीं, व्यक्ति खुद को जवानी के दिनों में ढालने के लिए ज्यादा प्रेरित भी होने लगता है।
रोमांस के लिए समय निकालें-
शोधकर्ताओं ने 2013 में ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक डॉ. डेविड वीक्स की ओर से किए गए उस अध्ययन के आधार पर पार्टनर के साथ नियमित रूप से अंतरंग पल बिताने की सलाह दी है, जिसमें पाया गया था कि इससे तनाव घटाने, दर्द का एहसास मिटाने और फील गुड हार्मोन का स्त्राव बढ़ाने में मदद मिलती है।
पुराने दोस्तों से जुड़े रहें-
बेयर्ड ने दावा किया कि पुराने दोस्तों से मिलने या बातें करने का भी शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर ठीक वैसा ही असर होता है, जैसा कि युवावस्था के पसंदीदा गाने सुनने या फिल्में देखने पर होता है। व्यक्ति न सिर्फ पुरानी यादों को दोबारा जी पाता है, बल्कि उसे हंसने-खिलखिलाने के कई बहाने भी मिल जाते हैं।
इन उपायों पर भी अमल करें-
- रोज दस से 12 गिलास पानी जरूर पिएं, झुर्रियां दूर रहेंगी, त्वचा की चमक भी बढ़ेगी।
- रेशेदार फल-सब्जियों के साथ विटामिन सी और ई युक्त खाद्य सामग्री का सेवन बढ़ाएं।
- कुकिंग और बागवानी के लिए समय निकालें, सिगरेट-शराब से दूर रहें, सनस्क्रीन लगाएं।