लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद भी किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), एसजीपीजीआई तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
श्री योगी ने केजीएमयू में 320 बेड के लेवल-3 कोविड अस्पताल का लोकार्पण करने के बाद कहा कि पिछले 15 दिनों में प्रदेश में लोकार्पित किए गए एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों की श्रृंखला का यह चौथा अस्पताल है। इसके पहले नोएडा, गोण्डा तथा गोरखपुर में 300-300 बेड के डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का लोकार्पण किया गया है।
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उन्होने कहा कि कोविड-19 एक अदृश्य शत्रु है। इसलिए सबसे पहले इससे बचाव तथा संक्रमण की स्थिति में उपचार की सुचारू व्यवस्था करनी होगी। वैक्सीन बनने के बाद, वायरस के रूप बदल लेने जैसी स्थितियों के लिए भी तैयार रहना होगा। इस सब में केजीएमयू, एसजीपीजीआई तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। चिकित्सा सुविधाओं के सम्बन्ध में यह संस्थान पूरे प्रदेश के लिए माॅडल बनने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एल-1 और एल-2 श्रेणी के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल कार्यशील हैं। एल-3 कोविड अस्पतालों की सुविधा भी तेजी से बढ़ायी जा रही है। कोविड-19 की शुरुआत के समय प्रदेश के 36 जनपदों में वेण्टिलेटर की व्यवस्था नहीं थी। pic.twitter.com/Mipkye4tOc
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 7, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड का पहला मामला सामने आने पर, यहां पर उपचार की सुविधा नहीं थी। इसके बाद सरकार लगातार निरन्तर कोविड-19 की टेस्टिंग एवं उपचार के लिये बेड बढ़ाने में सफल रहे हैं। केजीएमयू में स्थापित लैब में प्रदेश में पहली बार 23 मार्च को कोविड-19 के 72 टेस्ट हुए थे जबकि अब हर रोज लगभग डेढ़ लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। इसमें से 50 हजार टेस्ट आरटीपीसीआर, 3.5 हजार टेस्ट ट्रूनेट मशीनों तथा लगभग एक लाख रैपिड एन्टीजन टेस्ट हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कोविड से बचाव और उपचार के लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। इससे बड़े पैमाने पर लोगों की जीवन रक्षा हुई है।
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उन्होने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एल-1 और एल-2 श्रेणी के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल कार्यशील हैं। एल-3 कोविड अस्पतालों की सुविधा भी तेजी से बढ़ायी जा रही है। कोविड-19 की शुरुआत के समय प्रदेश के 36 जिलों में वेण्टिलेटर की व्यवस्था नहीं थी वहीं अब हर जिले में कम से कम 10 वेण्टिलेटर उपलब्ध हैं। सभी को कोविड-19 के विरुद्ध लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
श्री योगी ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित हर व्यक्ति को बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केजीएमयू, एसजीपीजीआई तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा एल-3 श्रेणी के 01 हजार कोविड बेड की सुविधा विकसित की जानी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पूरा सहयोग एवं संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन बेड को आईसीयू बेड में बदलने के लिए तत्परता से कार्य किया जाए।
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उन्होने कहा कि केजीएमयू, एसजीपीजीआई तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा प्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए वर्चुअल आईसीयू संचालित किया जाना चाहिए। एसजीपीजीआई द्वारा इस तरह की व्यवस्था का संचालन किया भी जा रहा है। आईसीएमआर द्वारा केजीएमयू को क्वालिटी के सम्बन्ध में जिम्मेदारी दी गई है, जिसे इस संस्थान द्वारा बखूबी निभाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केजीएमयू, एसजीपीजीआई तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा कोविड-19 के उपचार के साथ ही, नाॅन कोविड चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं। कोविड-19 से बचाव के उपाय व सावधानियां बरतते हुए चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए।