दिवाली और धनतेरस से पहले ही आपको सरकार की तरफ से सस्ता सोना मिल रहा है और इसे खरीदने का आखिरी मौका है। सरकार ने को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किया है जिसमें आज यानी 29 अक्टूबर तक आप निवेश कर सकते हैं।
सरकार ने इस स्कीम के लिए इश्यू प्राइस 4,761 रुपये प्रति ग्राम तय की है। यानी आपको इसमें सोना बाजार से सस्ता मिल रहा है। यही नहीं, ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी यानी ऑनलाइन खरीदने पर आपको प्रति ग्राम गोल्ड 4,711 रुपये का पड़ेगा। गौरतलब है कि सराफा बाजार में 24 कैरेट सोना 4800 रुपये प्रति ग्राम के करीब है।
सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की सातवीं सीरीज के तहत सब्सक्रिप्शन पीरियड 25 अक्टूबर से शुरू हुआ था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की सातवीं सीरीज की सब्सक्रिप्शन पीरियड 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर है। इस किस्त के लिए सेटलमेंट डेट 2 नवंबर रखी गई है यानी इस स्कीम को सब्सक्राइब करने वाले लोगों को 2 नवंबर को गोल्ड बॉन्ड मिलेगा।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आरबीआई (RBI) सरकार की ओर से जारी करता है। इसके तहत आपको फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता बल्कि उतने मूल्य का आपको सरकार की तरफ से एक बॉन्ड दिया जाता है। निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन्हें जारी कर दिया जाता है। इसकी मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होती है। लेकिन पांच साल के बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प भी है। फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है।
अगर फायदे की बात करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है। गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम सोना का निवेश किया जा सकता है और आम आदमी के लिए अधिकतम निवेश की सीमा चार किलोग्राम है, जबकि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए चार किलोग्राम और ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है। पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तेजी से बढ़ा है।
अगर सोने की कीमतों में इजाफा होता है, तो गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को भी इसका फायदा मिलता है। ये बॉन्ड पेपर और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं। जिससे आपको फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता। इस गोल्ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है।