गाजियाबाद। पटना से गाजियाबाद आई एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची के शरीर मे मंकी पॉक्स (Monkey Pox) जैसी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। मामला स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में आने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर मरीज का मंकी पॉक्स जांच के लिए नमूने ले लिए हैं। साथ ही बच्ची के सम्पर्क में आए लोगों व उसके घर वालों को सचेत रहने की हिदायत दी गई है।
सीएमओ गाजियाबाद के मुताबिक, उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है। ना ही उसने और उसके किसी करीबी ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है।
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए आपात बैठक की। तो वहीं, अब मंकीपॉक्स (Monkey Pox) को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया है। मंकीपॉक्स (Monkey Pox) को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई। यूपी के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में इस बीमारी के लक्षणों के संबंध में जानकारी दी गई।
प्रदेश की शांति व्यवस्था में खलल डालने वालों से सख्ती से निपटें: सीएम योगी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में ये निर्देश दिए गए कि बुखार और शरीर पर चकत्ते हों तो संबंधित मरीज की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के साथ साझा की जाए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक मंकीपॉक्स (Monkey Pox) से संक्रमित मरीजों के शरीर में छाले निकल आते हैं। मंकीपॉक्स पीड़ितों में ये लक्षण दो से चार हफ्ते तक रहते हैं।
गौरतलब है कि देश में मंकीपॉक्स (Monkey Pox) का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। फिर भी, यूरोप से अमेरिका तक तेजी से फैल रही इस बीमारी की तेज रफ्तार को देखते हुए सरकारें सतर्क हैं। कहा ये जा रहा है कि मंकीपॉक्स के वायरस त्वचा, मुंह, आंख और नाक से मानव शरीर में प्रवेश करता है। मंकीपॉक्स (Monkey Pox) के मामले जिन देशों में तेजी से पैर पसार रहे हैं, उन देशों से आने वाले लोगों को लेकर खास एहतियात बरती जा रही है।