लखनऊ। पशु संपदा के मामले में कभी उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल बेहद संपन्न हुआ करता था। ताल तलैया और नदियों के दोआबे में ये पशु मस्ती से चरते थे और प्यास लगने पर छक कर पानी पीते थे। कुछ दशकों से यह सिलसिला टूट गया। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद ने अपनी स्थापना के शुरुआती दिनों में एक स्टडी की थी। उसके अनुसार उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल के अधिकांश पशु कुपोषण के शिकार हैं। इससे न केवल संबंधित पशु की सेहत और उत्पादकता प्रभावित हो रही है, बल्कि दुग्ध उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। स्टडी में यह भी पता चला था कि पशुओं में बढ़ते बांझपन की एक प्रमुख वजह भी कुपोषण है। पर, अब ऐसा नहीं होगा। गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए योगी सरकार ने जो अभियान चलाया है उससे पशुओं को चरने की पर्याप्त जमीन मिलेगी। साथ ही गोरखपुर के ताल नदौर और भदोही में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय (Veterinary College) द्वारा नस्ल सुधार के जरिये यहां के पशुओं की सेहत भी सुधरेगी और दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। इससे उत्तर प्रदेश, सटे हुए बिहार और नेपाल के पशुपालकों को भी लाभ होगा, पर पूर्वांचल के पशुपालकों को होगा सर्वाधिक लाभ होगा।
फिलहाल दूध के उत्पादन के मामले उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन है। कुल उत्पादन में यूपी का योगदान करीब 16% है। योगी सरकार के इस कदम से यकीनन आने वाले समय में प्रदेश में दूध का उत्पादन और बढ़ेगा। इससे दूध के उत्पादन में यूपी की बादशाहत भविष्य में भी और मुकम्मल तरीके से बरकरार रहेगी। गोरखपुर और भदोही के दोनों महाविद्यालय पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (Veterinary College) एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा से संबद्ध होंगे।
गोरखपुर में महाविद्यालय की स्थापना के लिए गोरखपुर-वाराणसी हाईवे पर स्थित ताल नदोर में 80 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। पहले चरण के निर्माण पर 228 करोड़ रुपये की लागत आएगी। फरवरी 2024 के बजट में इसके लिए योगी सरकार 100 करोड़ रुपए आवंटित भी कर चुकी है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताल नदौर का दौरा कर पशु चिकित्सा महाविद्यालय को मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे।
गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय (Veterinary College) की बुनियादी संरचना
इस महाविद्यालय में हाईटेक सुविधाएं होंगी, जिनमें हॉस्पिटल ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर, छात्रावास जैसी मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। योगी सरकार की मंशा भविष्य में इसे विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड करने की है।
महाविद्यालय (Veterinary College) के लिए भदोही में 15 एकड़ जमीन चिह्नित
मुख्यमंत्री ने अपने पहले कार्यकाल में भदोही में जिस पशु चिकित्सा महाविद्यालय की घोषणा की थी उस पर भी तेजी से अमल हो रहा है। इस बाबत जोरईं और वेदपुर गांव में 15 एकड़ जमीन भी चिह्नित कर ली गई थी। फरवरी 2024 में प्रदेश के बजट में इसके निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो चुका है। कॉलेज एवं कांप्लेक्स निर्माण के लेकर मथुरा के वेटरिनरी विश्वविद्यालय से कई विशेषज्ञ पूर्व में आकर हरी झंडी दे चुके हैं।
ऐसा होगा भदोही का वेटरिनरी कॉलेज (Veterinary College)
भदोही में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय(Veterinary College) के 10 एकड़ में कालेज का एकेडमिक भवन, प्रयोगशाला और हास्टल का निर्माण होगा। पांच एकड़ में ब्लाॅक लेबल कोर्ट कांप्लेक्स का निर्माण होना है। उच्च शिक्षा विभाग से भी इसके निर्माण को एनओसी मिल चुकी है।
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काॅलेज में स्नातक, स्नातकोत्तर और पशु चिकित्सा (Veterinary College) से संबंधित पढ़ाई होगी। कालेज के बनने से पूर्वांचल के दस जिलों के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।