कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर जहां किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से टिके हुए हैं। वहीं विपक्षी दल भी इसे लेकर सरकार को लगातार घेर रहे हैं।
राज्यसभा में शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस के बीच कृषि कानूनों को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर कहा है कि उन्हें किसानी की जानकारी नहीं है।
कृषि मंत्री पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के साथ बात करने के लिए दो मंत्रियों को लगाया हुआ है। नरेंद्र सिंह तोमर जिनके पास खेती ही नहीं, तो वो किसानी क्या जानते होंगे। दूसरे पीयूष गोयल जो कॉरपोरेट सेक्टर के प्रवक्ता हैं। दोनों ही मंत्री किसानी को लेकर अनुभवहीन हैं और यह कृषि कानून पर कैसे किसानों को संतुष्ट कर सकते हैं।’
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कृषि मंत्री ने राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह खून से खेती कर सकती है। इसका जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा हमेशा दंगे करवाना चाहती है। कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि खून से खेती करना कांग्रेस का इतिहास नहीं रहा है। जो गोधरा में हुआ वो पानी की खेती थी या खून की खेती थी। भाजपा हमेशा नफरत और हिंसा की राजनीति करती आई है। वहीं कांग्रेस सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलती आई है।
कानून को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है। पार्टी ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं।
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एक दिन पहले ही प्रियंका गांधी वाड्रा 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान ट्रैक्टर पलटने से हुई किसान की मौत के बाद उसके घर पहुंची थीं।