नई दिल्ली। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ आज बड़े प्रोटेस्ट ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ फॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया है, जिसमें मुस्लिम समाज के बड़े नेता शिरकत कर रहे हैं।
AIMPLB के अध्यक्ष सैफुल्ला रहमानी, उपाध्यक्ष उबाईदुल्ला आजमी, महासचिव अब्दुल रहीम मुजद्दिदी, हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी, जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सदतुल्ला हुसैनी समेत कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी इस विरोध प्रदर्शन में शिरकत करेंगे।
वहीं, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया है और लोगों से AIMPLB के नेतृत्व में इस कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने अपना आंदोलन तेज करने की पूरी रूपरेखा तैयार की है। आगमी 24 अप्रैल को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक सेंटर में जमात-ए-इस्लामी के लीगल विंग द्वारा वक्फ बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वहीं 26 अप्रैल को कोलकाता में मुस्लिम संगठनों द्वारा वक्फ बचाओ सम्मेलन होगा।
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महाराष्ट्र में 27 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठन इकट्ठा होंगे। वहीं 30 अप्रैल को पूरे देश में बत्ती गुल कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है, जिसके तहत देश भर में मुस्लिम समाज के लोग रात को 9 बजे अपने-अपने घरों की बिजली बंद करेंगे। एक मई को जमशेदपुर में मुस्लिम संगठन इस आंदोलन में उतरेंगे। वक्फ कानून को लेकर 3 मई और 4 मई को देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। वहीं 7 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में वक्फ बचाओ कार्यक्रम में लाखों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि इकट्ठा होंगे।
AIMPLB के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ था, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। बोर्ड के मुताबिक यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक वक्फ विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे मुस्लिमों के संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है।