हवाई सफर (Air Travel) करने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर आई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइनों के टिकट रिफंड नियमों में व्यापक सुधार का प्रस्ताव रखा है। नए प्रस्ताव के अनुसार, यात्री टिकट (Air Tickets) बुकिंग के 48 घंटे के भीतर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी बुकिंग रद्द या संशोधित कर सकेंगे।
यह बदलाव डीजीसीए (DGCA) के तरफ से जारी सिविल एविएशन रिक्वॉयरमेंट (CAR) के नए मसौदे में सुझाया गया है। संस्था ने बताया कि उसे यात्रियों से लगातार देरी से रिफंड मिलने, प्रतिबंधात्मक नीतियों और क्रेडिट शेल को जबरन स्वीकार कराने की शिकायतें मिल रही थीं।
डीजीसीए (DGCA) ने कहा कि एयरलाइनों के साथ कई बैठकों के बावजूद टिकट रिफंड (Air Tickets Refund) की प्रणाली में सुधार नहीं हुआ है। इसलिए अब सरकार न्यूनतम मानक तय करने की दिशा में कदम उठा रही है, ताकि यात्रियों को समय पर और पारदर्शी रिफंड मिल सके।
रिफंड की नई समयसीमा
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से खरीदे गए टिकटों (Air Tickets) का रिफंड कैंसिलेशन (Refund Cancellation) के सात दिनों के भीतर प्रोसेस किया जाएगा। कैश भुगतान वाले टिकटों का रिफंड तुरंत उसी ऑफिस से मिलेगा, जहां टिकट खरीदा गया था। ऑनलाइन पोर्टल या ट्रैवल एजेंट के माध्यम से खरीदे गए टिकटों के मामले में रिफंड की जिम्मेदारी एयरलाइन की ही होगी, क्योंकि एजेंट उनके प्रतिनिधि माने जाएंगे।
टैक्स और शुल्क की वापसी भी अनिवार्य
मसौदे में यह भी कहा गया है कि अगर टिकट रद्द हो जाता है, “नो-शो” होता है या अप्रयुक्त रहता है, तो एयरलाइन को यात्री को यूजर डेवलपमेंट फी (UDF), एयरपोर्ट डेवलपमेंट चार्ज (ADF) और पैसेंजर सर्विस चार्ज (PSF) जैसे सभी वैधानिक टैक्स और एयरपोर्ट फीस वापस करनी होगी।
‘लुक-इन ऑप्शन’ से यात्रियों को राहत
डीजीसीए (DGCA) ने प्रस्ताव दिया है कि यात्रियों को टिकट बुकिंग (Air Tickets Booking) के बाद 48 घंटे का ‘लुक-इन पीरियड’ मिलेगा, जिसमें वे बिना किसी शुल्क के बुकिंग कैंसिल या संशोधित कर सकेंगे। हालांकि यह सुविधा केवल उन्हीं टिकटों पर लागू होगी, जो घरेलू उड़ानों के लिए यात्रा की तारीख से कम से कम पांच दिन पहले, और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए कम से कम 15 दिन पहले बुक किए गए हों।
कैंसिलेशन चार्ज पर नई सीमा
प्रस्ताव के अनुसार, कैंसिलेशन चार्ज बेसिक फेयर और फ्यूल सरचार्ज के कुल योग से अधिक नहीं हो सकता। साथ ही, एयरलाइन कंपनियों को बुकिंग के समय ही टिकट या वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से रद्दीकरण शुल्क और रिफंड योग्य राशि की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। अगर यह मसौदा नियम लागू हो जाता है, तो यात्रियों को न केवल पारदर्शिता और समय पर रिफंड की गारंटी मिलेगी, बल्कि बुकिंग रद्द करने पर होने वाले आर्थिक नुकसान से भी राहत मिलेगी।







