रायबरेली। सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय (Manoj Pandey) ने आखिरकार भाजपा की सदस्यता ले ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को रायबरेली के दौलतपुर में आयोजित जनसभा में उन्हें पार्टी में शामिल कराया। इसके पहले पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रचार करने के लिए उन्हें लगातार मनाने की कोशिशें हो रही थी लेकिन अब विधिवत भाजपा में शामिल होने के बाद राहुल की डगर आसान नहीं होगी। मनोज पांडे के चुनाव में खुलकर आ जाने से निश्चित रूप से भाजपा प्रत्याशी को फ़ायदा मिलेगा। कम उम्र है और अपनी ज़मीनी पकड़ के कारण वह प्रदेश में ब्राम्हण चेहरे के रूप में माने जाते हैं।
मनोज पांडे (Manoj Pandey) अपनी राजनीति के शुरुआत से ही राजनीतिक दिग्गजों के करीबी रहे हैं,पक्ष-विपक्ष हर तरफ़ के मजबूत नेताओं से वह सम्बंध बनाने में माहिर माने जाते हैं। रायबरेली नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रहते हुए तत्कालीन दिग्गज़ लालजी टंडन के वह खासमखास रहे और टंडन ने ही उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिलवा दिया था। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के वह भरोसेमंद रहे। डॉ मुरली मनोहर जोशी की भी कृपा दृष्टि उनपर हमेशा रही। समाजवादी पार्टी में भी रहते हुए वह मुलायम सिंह यादव और जनेश्वर मिश्र के चहेते रहे। 2012 में विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव के प्रिय बन गए।
अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्री और मुख्य सचेतक तक बना दिया था। सपा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले मनोज पांडे दलों से परे अपने सम्बंध बनाने के लिए जाने जाते हैं। सपा के विधायक रहते हुए वह सोनिया गांधी के भी नज़दीक रहे।दिग्गजों के भरोसेमंद होने का उन्हें ख़ूब फायदा भी मिला और 2012 में भारी विरोध के बावजूद उन्हें ऊंचाहार से सपा का टिकट मिल गया।
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राजनीति की नब्ज़ समझने वाले मनोज पांडे (Manoj Pandey) की जनता में पकड़ का यह असर है कि विधानसभा के चुनाव में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को दो बार हराया।तीसरी बार 2022 मे उन्होंने भाजपा के अमरपाल मौर्य को हराकर विधायक बने।
वहीं 2012 में पहली बार सपा के टिकट पर ऊंचाहार सीट से लड़ने आए डा. मनोज पांडेय (Manoj Pandey) ने बसपा के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र को हराकर विधान सभा पहुंचे तो 2017 के चुनावी दंगल में भी मनोज का मुकाबला अशोक से हुआ और दुबारा विधानसभा पहुंचे।2022 में तीसरी बार विधानसभा पहुंचे मनोज पाण्डेय का जन्म 15 अप्रैल, 1968 को रायबरेली में हुआ। सुल्तानपुर के मूलनिवासी मनोज कुमार पाण्डेय के पिता आयुवेर्दिक चिकित्सक डॉ रमाकांत पांडे रायबरेली आये थे,रायबरेली में वह मशहूर चिकित्सक के रूप में विख्यात थे और दवा व्यवसाय में भी अग्रणी रहे। मनोज पांडे स्नातकोत्तर के साथ ही पीएचडी डिग्रीधारक है।