मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों के जरिये किसानों की आय दोगुनी करने के अभियान किसान कल्याण मिशन की बुधवार को शुरूआत की।
मुख्यमंत्री ने किसानों के आर्थिक विकास के के लिये इस अभियान की शुरुआत राजधानी के सरोजनी नगर प्रखंड के दादूपुर गांव से की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, देश ने जय जवान, जय किसान के नारे दिए लेकिन किसान हाशिये पर ही रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों के कारण ही किसान मुख्य धारा में शामिल हो पाया और पिछले छह वर्षों में किसानों के हित में जितना काम हुआ उतना 70 वर्षों में कभी नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री के हवाले से जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है, आप देख रहे होंगे कि किसान इस देश के राजनीतिक एजेंडे में शामिल हो पाया है, शासन की नीतियों का क्रियान्वयन होते हुए भी किसान भाइयों ने देखा है। मोदी जी की नीतियों के कारण ही किसान मुख्य धारा में शामिल हो पाया है, नहीं तो देश का किसान केवल वोट पर राजनीति का मोहरा भर होता था।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भी मोदी जी की देन है, और पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से आज हर किसान को सलाना छह हजार रुपये मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से हर खेत और फसल को पानी मिल रहा है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से हर किसान लाभ ले सकता है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की महिला स्वयंसेवी समूह के दुग्ध उत्पादन समिति का टर्नओवर ही दो करोड़ रूपये सालाना हो रहा है और यह कार्यक्रम यहां सरोजिनी नगर में भी लागू होना चाहिए।
योगी ने कृषि और किसानों की खराब हालत के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुये कहा कि पिछले छह सालों में हुई प्रगति, अगर पिछले 70 वर्षों में हुई होती तो मोदी जी को ये लक्ष्य न तय करना पड़ता कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी करनी होगी।
उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच देश में लाखों किसानों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन अब किसान आत्महत्या नहीं, आमदनी को लेकर तेजी से बढ़ रहा है और आज का कार्यक्रम उसी किसान कल्याण योजना को आगे बढाने की एक कड़ी है।
योगी ने किसानों से कहा कि 2017 में हमारी सरकार बनने पर पहला कैबिनेट निर्णय ही किसानों के ऋण माफ करने का था।