लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम के मामले में गिरफ्तार किये गये तीनों चीनी नागरिकों से यूपी एटीएस ने शुक्रवार को गहन पूछताछ की। इस दौरान तीनों विदेशी नागरिकों का आमना-सामना भी कराया गया। तीनों विदेशी नागरिक एटीएस की कस्टडी रिमाण्ड पर हैं। इनमें एक दम्पति भी है। गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिकों की गुरुवार को सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पुलिस ने मंजूर की गयी थी।
एटीएस ने मंगलवार को गुरुग्राम से चीनी नागरिक सुन जी यिंग को गिरफ्तार किया था। पूर्व में गिरफ्तार दो चीनी नागरिकों के बयानों एवं साक्ष्यों के आधार पर यिंग का का नाम सामने आया था।
इससे पहले दो चीनी नागरिकों जू जूंफू उर्फ जुलाही तथा पोंचली तेंगली उर्फ ली तेंग ली समेत 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों चीनी नागरिक गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से गिरफ्तार किए गए थे। ये दम्पति हैं।
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एटीएस को जांच में पता चला था कि गुरुग्राम स्थित होटल के चीनी मूल के मालिकों (पति-पत्नी) के निर्देश पर ही लगभग 500 सिम प्री-ऐक्टिवेटेड सिम चीनी नागरिकों को मुहैया कराए गए हैं। इनमें से अधिकतर चीन में रहते हैं। अब होटल मालिक पति-पत्नी भी चीन चले गए हैं। वह कब चीन गए और उनके गुरूग्राम में मददगार कौन-कौन लोग थे, एटीएस को इसके बारे में जानकारी एकत्र कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि एटीएस ने शुक्रवार को तीनों चीनी अभियुक्तों से भारतीय मोबाइल नंबरों पर चल रहे व्हाट्सअप के बारे में पूछताछ की। अब तक जानकारी में सामने आया है कि व्हाट्सअप चीन में प्रतिबंधित है लेकिन अवैध तरीके से वहां इसे चलाया जाता है। इन सभी 500 भारतीय मोबाइल नंबरों पर व्हाट्सअप रजिस्ट्रेशन के लिए जेनरेटेड ओटीपी को वी-चैट और व्हाट्सअप के माध्यम से शेयर किया गया था।
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यहां बता दें रिमाण्ड पर लेने के बाद तीनों चीनी नागरिकों को कड़ी सुरक्षा के एटीएस मुख्यालय में रखा गया है और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।