नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच इस साल फरवरी के अंत में युद्ध की शुरुआत हुई. युद्ध शुरू होने के बाद वहां पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स (Students) को बड़ा नुकसान हुआ. दरअसल, इन स्टूडेंट्स को अपने-अपने देश लौटना पड़ा. इसमें हजारों की संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स भी शामिल थे, जो Ukraine में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. यूक्रेन से लौटने के बाद से ही Indian Students का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है, क्योंकि वे अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. हालांकि, अब उम्मीद की एक किरण भी नजर आने लगी है, जिससे ऐसा लगने लगा है कि स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगे.
दरअसल, युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौटने वाले भारतीय स्टूडेंट्स (Students) में से 2000 को एक बार फिर से पढ़ाई पूरा करने का मौका दिया जाएगा. इन सभी स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए उज्बेकिस्तान की यूनिवर्सिटीज में ट्रांसफर किया जाएगा. भारत में Uzbekistan के राजदूत दिलशोद अखातोव ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में ये बात कही. उन्होंने इस अवसर पर कुछ स्टूडेंट्स को ‘प्रोविजनल एडमिशन लेटर’ भेंट किए.
अपनी पढ़ाई छोड़कर आए मेडिकल स्टूडेंट्स को अगर उज्बेकिस्तान भेजा जाता है, तो ये उनके लिए एक बड़ी राहत वाली खबर है. इसके पीछे की वजह ये है कि उन्हें भारतीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन देने का प्रावधान नहीं है. इस वजह से उनके पास यूक्रेन लौटने का विकल्प ही बचा हुआ था. इसके अलावा, वे फिर से किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ही ले सकते थे, जहां उन्हें नए सिरे से पढ़ाई करनी पड़ती. वहीं, अगर वे एक बार फिर से पढ़ाई पूरा करना चाहते हैं, तो उनके पास उज्बेकिस्तान जाने का मौका होगा.
राजदूत ने क्या कहा?
उज्बेकिस्तान के राजदूत Dilshod Akhatov ने कहा, यूक्रेन में स्टडी करने वाले कुछ भारतीय छात्र-छात्राओं को उज्बेकिस्तान के इंस्टीट्यूट्स में ट्रांसफर करने के लिए संभावनाओं की जांच करने के लिहाज से हमारे पास भारतीय भागीदारों से कुछ अनुरोध और प्रस्ताव आए थे. उन्होंने कहा कि ये मांग बहुत अधिक थी. उन्होंने यह भी कहा कि उज्बेकिस्तान का लक्ष्य एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में उभरना है.
NEO Educational Consultancy के डायरेक्टर बी दिव्य राज रेड्डी ने कहा, इस तरह कुल मिलाकर 2000 भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स को उज्बेकिस्तान के मेडिकल इंस्टीट्यूशन में ट्रांसफर किया जाएगा.