लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में एक से दूसरे जिले में तबादला पाने वाले 69000 भर्ती के शिक्षकों (Teachers) को बड़ी राहत मिली है। महिला शिक्षिकाओं के विरोध के बाद विभाग ने तबादला पाए 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों को भी कार्य मुक्त करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह तबादला और कार्यभार न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन होगा।
विभाग ने लंबे समय बाद जून में बेसिक के विद्यालयों में एक से दूसरे जिले से तबादला किया है। वहीं न्यायालय में चल रहे आरक्षण मामले के कारण 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teachers Recruitment) से नियुक्त शिक्षकों को कार्यमुक्त करने पर एक जुलाई को रोक लगा दी थी। इसमें लगभग 4500 महिला शिक्षिकाएं हैं। कार्यमुक्त करने के रोके जाने से नाराज महिला शिक्षिकाएं दो दिन से लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय और एसईआरटी के बाहर प्रदर्शन के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का भी प्रयास किया था। शासन ने मामला संज्ञान में आने पर, इस पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बुधवार को इन शिक्षकों को भी कार्यमुक्त करने के आदेश जारी किए। इसके अनुसार 12 अगस्त को इन शिक्षकों को कार्यमुक्त और 13 अगस्त रविवार को कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। इस निर्णय के बाद महिला शिक्षिकाओं ने बड़ी राहत की सांस ली है।
यह है मामला
बेसिक स्कूलों में हाल में हुए तबादले में लगभग 4500 महिला शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जो 69000 शिक्षक भर्ती की हैं। 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण का मामला न्यायालय में होने के कारण विभाग ने इस भर्ती के शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है। इससे नाराज महिला शिक्षिकाएं सोमवार से बेसिक शिक्षा निदेशालय पर देर शाम तक धरने पर बैठी रहीं।
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मंगलवार सुबह वह एससीआरटी पहुंच गईं और फिर धरना शुरू कर दिया। उन्हें यह उम्मीद थी कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल यहां मिलेंगे और उनकी इस मुद्दे पर वार्ता होगी। किंतु दोपहर तक सचिव यहां नहीं पहुंचे। छोटे-छोटे बच्चे लेकर धरने में शामिल महिला शिक्षिकाएं नाराज होकर सीएम आवास की ओर कूच करने निकल गईं। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगी। हालांकि पुलिस ने उन्हें लोहिया पथ पर रोक लिया।