जयपुर। राजस्थान सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसलमेर पहुंचे है। जहां पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए जमकर बीजेपी पर निशाना साधा है।
इस दौरान गहलोत ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। गहलोत ने बीजेपी के विधायक की बाड़ेबंदी को लेकर कहा कि अब बीजेपी की पोल खुल गई है। अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी नेताओं और हमारी पार्टी छोड़ चुके लोगों के खिलाफ हर घर में गुस्सा है। साथ ही इस दौरान गहलोत ने एक बार फिर बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया।
गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप सोच सकते हैं कि सरकार में तो हम लोग हैं, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही थी। किस प्रकार हमें विधायकों को एकसाथ रोकना पड़ा। लेकिन बीजेपी को किस बात की चिंता है, जो उन्हें तीन-चार जगह पर लोगों की बाड़ेबंदी करनी पड़ रही है।
अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार को अस्थिर करने के षडयंत्र के खिलाफ है। जीत सत्य की होगी, राजस्थान की जनता की होगी आज घर-घर के अंदर चर्चाएं हैं , हमारी कुछ विधायकों और बीजेपी के प्रति लोगों के मन में रोष है। सब कह रहे हैं कि सरकार अच्छा काम कर रही थी, कोरोना को लेकर एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम किया। देश-दुनिया में तारीफ हो रही थी राजस्थान की। जहां जीवन बचाने का संघर्ष हो, वहां राजनीति पीछे हो जाती है। लेकिन दुर्भाग्य से जीवन बचाने के संघर्ष के दौरान बीजेपी को सरकारें गिराने के लिए षडयंत्र करने समय मिल रहा है।
बसपा विधायकों के मामले में 11 अगस्त को हाईकोर्ट से फैसला आना है। मुख्यमंत्री ने विधायकों के नाम अपने पत्र में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को सही ठहराते हुए कहा है कि दलबदल कानून के दायरे में यह विलय हुआ है। बसपा विधायकों ने अपने क्षेत्र में विकास के लिए विलय का रास्ता चुना है।
सीएम ने लिखा कि तोड़फोड़ कर और खरीद-फरोख्त के जरिए चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना न्यायोचित नहीं है, साथ ही यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ भी है। अपने पत्र में सीएम ने यह भी लिखा है कि 1993-98 के दौरान जब राजस्थान में ऐसी ही स्थिति बनी थी।
तब उन्होंने केन्द्रीय राज्यमंत्री और पीसीसी चीफ होने के नाते तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिलकर इसका विरोध जताया था। सीएम ने लिखा कि जब कोरोना महामारी विकराल रुप धारण कर रही है, तो ऐसे समय में हमारे कुछ साथी और विपक्ष के कुछ नेता मिलकर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है।