कोरोना की दूसरी लहर के सुस्त पड़ने के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के धार्मिक स्थल अब साप्ताहिक बंदी के दिन खोलने का फैसला लिया हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोग धार्मिक मान्यताओं की पूर्ति कर सकेंगे। योगी सरकार ने इसके लिए सोमवार को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
एक समय में धर्म स्थल के अंदर केवल 5 श्रद्धालु ही मौजूद रह सकेंगे। प्रदेश में कोरोना के लगातार घटते मामलों और तेजी से सामान्य होते हालात को देखते हुए योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों को साप्ताहिक बंदी के दिन भी खुले रखने का फैसला लिया है। कोरोना के कारण लंबे समय से धार्मिक स्थलों के बंद रहने के कारण लोग अपने आराध्य के दर्शन और पूजन के लिए परेशान थे।
इसको देखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को साप्ताहिक बंदी के दिन भी खोलने का फैसला किया है। सरकार ने कहीं भी अनावश्यक भीड़ नहीं जुटने देने के निर्देश पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को दिया है। सरकार ने इस दौरान पुलिस को लोगों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं।
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पुलिस का सहयोगी रवैया अपनाते हुए सम्मानजनक तरीके से कानून का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। गौरतलब है कि कोरोना को काबू में करने के साथ ही योगी सरकार क्रम बद्ध तरीके से हालात को सामान्य करने में जुटी है। सोमवार को प्रदेश में बाजार, रेस्टोरेंट और शापिंग माल रात 9 बजे तक के लिए खोल दिए गए। साप्ताहिक बंदी प्रदेश में फिलहाल लागू रहेगी। साप्ताहिक बंदी के दौरान बाजारों, रिहायशी इलाकों और दफ़तरों को सेनिटाइज किया जाएगा।
वहीं, अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक, जिन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की प्रतिदिन कोरोना रिपोर्ट में कुल उपचाराधीन मामले 500 से अधिक हो जाएंगे उन जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट स्वतः समाप्त हो जाएगी, अभी तक शासन ने कोरोना कर्फ्यू में छूट समाप्त करने के लिए उपचाराधीन मामलों की संख्या 600 से अधिक निर्धारित की थी, लेकिन नए नियम में उपचाराधीन मामलों की संख्या सौ घटा दी गई है। बता दें कि कोविड-19 प्रबंधन की मंगलवार की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना कर्फ्यू में और दो घंटे की छूट देने का निर्देश दिया था। इसके बाद शासन ने नई गाइडलाइन जारी की है।