• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पुरस्कार सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारी है: योगी आदित्यनाथ

Writer D by Writer D
05/09/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
0
CM Yogi

CM Yogi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। पुरस्कार सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारी है। जिम्मेदारी इस बात की कि अब आपकी प्रतिस्पर्धा स्वयं से है। जितना किया है, अब उससे आगे बढ़कर दूसरों के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना है। मीडिया में अक्सर कुछ निगेटिव खबरें आती हैं, लेकिन हम उसे उस परिप्रेक्ष्य में नहीं देखते। अक्सर देखने में आता है कि स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवाई जा रही है पर यह बुरा नहीं है। शिक्षक भी बच्चों के साथ इससे जुड़ें। घर में झाड़ू-पोछा लगाना क्या बुराई है। अपना कार्य करना स्वावलंबन है। स्कूल में झाड़ू लगाना कहां से बुरा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सोमवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में कहीं।

कार्यक्रम में सीएम (CM Yogi) ने आठ प्रधानाचार्यों, अध्यापकों को राज्य पुरस्कार-21 से सम्मानित किया। इस अवसर ने सीएम ने 5 पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने 39 नए हाईस्कूल व 14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास भी किया। समारोह में माध्यमिक शिक्षा परिषद और कौशल विकास विभाग के बीच एमआेयू साइन किया गया।

पहले ऐसे लोगों को पुरस्कार दिया जाता था जो स्कूल नहीं जाते थे

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले अक्सर पुरस्कार वह प्राप्त करता था, जो स्कूल नहीं जाता था। एक बार पुरस्कार वितरण इसलिए ही स्थगित करा दिया था। उस समय जो नाम आए थे, उन्हें मैं घूमते देखता था। तब मैंने पूछा कि इन्हें क्यों पुरस्कार दे रहे। वास्तविक शिक्षक इससे अपमानित महसूस करता है। यह लोग बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले हैं। चयन प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। जो ईमानदारी के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्र निर्माण के परिवर्तमान अभियान का हिस्सा बना रहा है।

Teachers Day 2022 : सीएम योगी ने आठ प्रिंसिपल समेत 75 शिक्षकों को किया सम्मानित, कहा - ''भारत शिक्षा से बनेगा विश्वगुरु, मीडिया को दी सलाह''

प्रधानाचार्य जिम्मेदारी व कार्यों के निर्वहन के साथ विद्यालय को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का केंद्रबिंदु बना रहे हैं, यह सम्मान उसी प्रक्रिया का हिस्सा है। सेवा विस्तार, निश्चित राशि, सुविधा मिल जाए, यह गौण है। नई जिम्मेदारी आ रही है। जिम्मेदारी इस बात की कि अब तक जो किया है, उससे आगे बढ़कर कार्य करना है औऱ नयापन करके दिखाना है। समाज को नया देना है। यह आत्मसंतुष्टि का माध्यम बनेगा। इस दिशा और प्रयास में ईमानदारी से बढ़ना होगा।

जब दुनिया कोरोना से त्रस्त थी, भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंथन कर रहा था

सीमए (CM Yogi) ने कहा कि जब दुनिया कोरोना से त्रस्त थी, तब भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंथन कर रहा था। 2020 में इसे देश में लागू किया गया। यह नीति सैद्धांतिक न होकर व्यावहारिक व तकनीकी ज्ञान से छात्र का सर्वांगीण विकास कर सकती है। जो अभियान प्रारंभ हुआ है, वह शिक्षा क्षेत्र में भारत को जगद्गुरु के रूप में स्थापित करने में सफल होगा।

नीति आयोग ने चिह्नित किए थे यूपी के 8 आकांक्षात्मक जिले

नीति आयोग ने यूपी के 8 आकांक्षात्मक जिले चिह्नित किए थे। उसके पैरामीटर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्किल डेवलेपमेंट आदि थे। इनमें देश के 112 में से 8 जनपद यूपी के थे। टॉप टेन में यूपी के 8 में से 5 व टॉप 20 में सभी 8 जनपद थे। अब 100 ऐसे विकास खंडों का चयन किया है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संसाधन, कृषि, स्किल डिपलेपमेंट,  वित्तीय समावेशन आदि में पीछे हैं। उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर सामान्य विकास खंडों की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ हुआ है। बेसिक व माध्यमिक में 5 वर्षों में प्रयास का परिणाम सामने है।

सीएम योगी ने शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले-आधुनिक भारत के निर्माण को शिक्षा सशक्त माध्यम

मार्च 2017 में जब सरकार ने पदभार ग्रहण किया था। उस समय अधिकतर विद्यालय जीर्ण-शीर्ण या बंदी के कगार पर थे। उस समय माध्यमिक परीक्षाएं चल रही थीं। समाचार आते थे कि सामूहिक नकल होती थी। मैंने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से निरीक्षण करने को कहा। थोड़ी सख्ती हुई। रिजल्ट थोड़ा खराब रहा। उसी समय लक्ष्य तय कर दिए गए थे कि 2018 में माध्यमिक, बेसिक, तकनीकी कहीं भी नकल नहीं होगी। हुई तो संबंधित प्रधानाचार्य-शिक्षक की जवाबदेही तय करेंगे। पठन-पाठन का माहौल पैदा किया गया। भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। जहां भर्ती में देरी है, वहां सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा ली गई। जहां वे कार्य के इच्छुक नहीं थे। वहां स्कूलों से कहा गया कि अंग्रेजी, गणित व विज्ञान के शिक्षक मानदेय पर रखें। 2017 के बाद नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की।

पूर्वोत्तर और मध्य भारत में शिक्षा देने यहीं से जाते थे शिक्षक

2018 में परीक्षा के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा शांतिपूर्ण, नकल विहीन हुई और समय पर हुई। एक महीने में रिजल्ट आया। परिणाम पहले से बेहतर आया। हमने पहल की थी कि पुरातन छात्र परिषद का गठन होना चाहिए। एक समय पूर्वोत्तर व मध्य भारत में शिक्षकों की आपूर्ति का केंद्र उत्तर प्रदेश होता था।

यहां के शिक्षक मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, अरुणाचल, असम, मेघायल, मणिपुर, त्रिपुरा, उड़ीसा जाते थे। क्या कारण था कि शिक्षा की यह आधारभूमि कुंद हो गई। न सरकार ने ध्यान दिया, न हमने समय के अनुरूप खुद को ढालने का प्रयास किया और न ही किसी ने जिम्मेदारी लेने का प्रयास किया। जवाबदेही के साथ कार्रवाई हुई तो परिणाम सामने आएं हैं।

कोरोना में भी नहीं रुकी पढ़ाई

बेसिक में 1.26 लाख तथा माध्यमिक में 40 हजार से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी भर्ती हुई। परिणाम सबके सामने है। बेसिक या माध्यमिक में पठन-पाठन का माहौल बना। 2017 में स्कूल चलो अभियान के परिणाम सामने हैं। कोरोना में भले ही ढाई वर्ष व्यतीत किए। दुनिया पस्त हुई तो शिक्षा भी सर्वाधिक प्रभावित हुआ। जब जीवन बचाने का प्रश्न था, तब भी तकनीकी का उपयोग करने का प्रयास हुआ। पोर्टल विकसित कर ऑनलाइन शिक्षा दी गई।

दूरदर्शन ने तमाम चैनल प्रारंभ किए। 5 वर्ष में सबसे सुखद अनुभूति होती है। 2017 के पहले 2016 के आंकड़े देख रहा था तो बेसिक में 1.34 करोड़ बच्चे पढ़ रहे थे। अब यह आंकड़े 1.91 करोड़ हो गए हैं। यह अभियान सार्थकता को प्राप्त कर रहा है। बेसिक स्कूलों में बच्चों की बढ़ोतरी प्रमाणित करती है कि शिक्षा का स्तर बढ़ा है।

आज बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं प्रदेश के सरकारी स्कूल

प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए ऑपरेशन कायाकल्प चलाया गया। एक दिन बलिया जाना था तो मुख्य सचिव ने कहा कि मैं भी चलना चाहता हूं। वहां पहुंचा तो पता चला कि उन्होंने वहीं शिक्षा हासिल की और वहां की स्थिति देखना चाह रहे थे। क्या इन स्कूलों ने पुरातन छात्रों को पहचानने या जोड़ने का प्रयास किया। थोड़ा भी प्रयास कर लेते तो शासन की सहायता के बिना हर विद्यालय की कायाकल्प करते हुए बुनियादी सुविधा से संपन्न कर सकते थे।

कारोबार को देने रफ्तार, बैंक पहुंचा टेराकोटा शिल्पकारों के द्वार

इसके लिए पहल की आवश्यकता है। शिक्षक सरकारी कर्मचारी ही नहीं होता, वह योजक होता है। राष्ट्र का निर्माता होता है। वह एक-एक को जोड़कर नींव मजबूत करता है। नयापन है तो अपने तरीके से दृष्टि देकर छात्र के सर्वांगीण विकास में किया जाने वाला प्रयास ऑपरेशन कायाकल्प का हिस्सा है। बेसिक शिक्षा परिषद के 1.33 लाख स्कूलों को जनसहभागिता के जरिए बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित किया गया।

गांव में जाकर भ्रमण करें शिक्षक

कुछ विद्यालय ऐसे होंगे, जहां अभी पुरानी स्थिति होंगी पर मैंने मानता हूं कि 1.43 लाख में से 1.33 लाख विद्यालय के फर्श, फर्नीचर, पेयजल टायलेट, सोनर पैनल, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी की सुविधा हैं। साथ ही प्रधानाचार्य,  शिक्षकों व पुरातन छात्र परिषद, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने नया किया है। इसका परिणाम दिख रहा है।

निपुण भारत इसी अभियान का हिस्सा है। पीएम की मंशा विद्यालय, ग्राम पंचायत, विकास खंड, जनपद, प्रदेश को निपुण बनाना है। इसी क्रम में 3 बच्चों का प्रदर्शन देखा है। य़ह अभियान सभी शिक्षक अपने हाथ ले लें। 30-40 बच्चों की जिम्मेदारी ले लें। गांव में एक-दो बार भ्रमण करें तो वहां की सामाजिक, आर्थिक परिस्थिति, इतिहास, बच्चों के बारे में जानकारी देने-लेने का माध्यम होगा। इससे शिक्षा व विद्यालय की बड़ी सेवा कर सकेंगे। संवाद के क्रम को बाधित नहीं होने देना है।

14 इंटर कॉलेज का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में यूपी, सीबीएसई, सीआईएससीई, उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा परिषद के मेधावी विद्यार्थियों के आठ प्रधानाचार्यों का सम्मानित किया। साथ पहुंच, पंख, प्रज्ञान, परख और पहचान पोर्टल का शुभारंभ किया। वहीं 39 नये हाईस्कूल और 14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास भी किया।

इन पोर्टल का किया शुभारंभ

  1. पहुंच: प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग के लिए पहुंच पोर्टल को विकसित किया गया है। इससे प्रदेश में कौन से स्कूल कहां स्थित हैं, शहर के नजदीक कितने स्कूल हैं और नया स्कूल बनाने के लिए कौन सी जगह ठीक रहेगी आदि की जानकारी पोर्टल में है। इससे माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक पारदर्शी होगी।
  2. पंख: विद्यार्थियों के करियर गाइडेन्स के लिए इस पोर्टल को विकसित किया गया है। इसके जरिए कक्षा-10 और कक्षा-12 की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए किस विकल्प को चुनें, इसकी जानकारी पोर्टल पर होगी। विद्यार्थी कॉलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इंटर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह ले सकेंगे।
  3. प्रज्ञान: छात्रों को पठन पाठन की सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई लाइब्रेरी पोर्टल और एप प्रज्ञान को बनाया गया है। विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘प्रज्ञान’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है। पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्टअप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है।
  4. परखः किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं। विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के लिए ‘परख’ पोर्टल विकसित किया गया है। पोर्टल से प्रदेश में संचालित 2,357 राजकीय विद्यालयों में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य की प्रगति, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता का ऑनलाइन अनुश्रवण सम्भव होगा। विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं, जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी। प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी।
  5. पहचान: यूपी बोर्ड द्वारा 20,941 स्ववित्त पोषित मान्यता प्राप्त, 4,512 सहायता प्राप्त और 2,357 राजकीय विद्यालयों की जानकारी के लिए हर विद्यालय का वेबपेज बनाया गया है, जो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस वेबपेज पर जन-सामान्य और अभिभावकों के लिए विद्यालय में छात्र पंजीकरण, स्टाफ विवरण, सुविधाएं, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, परीक्षा परिणाम और विशिष्ट उपलब्धि इत्यादि की जानकारी मौजूद है।

वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए साइन हुआ एमओयू

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समाने प्रवीण योजना के तहत राजकीय विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एमओयू साइन किया गया। यह एमओयू माध्यमिक व बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार एवं व्यावसायिक व कौशल विकास मिशन के प्रमुख सचिव डॉ. सुभाष चंद शर्मा के बीच हुआ। योजना के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स के विकास के लिए प्रत्येक कार्यदिवस में विद्यालय अवधि में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जायेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 39 नवीन हाईस्कूल और 14 नवीन इंटर कॉलेज का शिलान्यास किया गया। इन राजकीय हाईस्कूलों की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 6,240 और राजकीय इंटर कॉलेजों की स्थापना से लगभग 2240 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी।

Tags: cm yogiLucknow Newsstate teacher award
Previous Post

लिज ट्रस बनेंगी ब्रिटेन की पीएम, भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराया

Next Post

उत्तर प्रदेश डिजिटल क्रांति का अग्रदूत है: सीएम योगी

Writer D

Writer D

Related Posts

Madrasa demands virginity test from 13-year-old student
Main Slider

मदरसे की शर्मनाक मांग: कहा– पहले बच्ची का ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ लेकर आओ

24/10/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक वृद्धि का निर्णय: मुख्यमंत्री

24/10/2025
fire
Main Slider

इंदिरापुरम: 5 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

22/10/2025
Swami Prasad Maurya
उत्तर प्रदेश

‘धन की देवी की पूजा से भला होता तो…’ स्वामी प्रसाद ने माता लक्ष्मी पर दिया विवादित बयान

22/10/2025
Dalit man forced to lick urine in temple premises
उत्तर प्रदेश

दलित बुजुर्ग के साथ अमानवीय व्यवहार! मंदिर परिसर में घटी घटना से यूपी में गरमी

22/10/2025
Next Post
cm yogi

उत्तर प्रदेश डिजिटल क्रांति का अग्रदूत है: सीएम योगी

यह भी पढ़ें

cm yogi

योगी ने मांगा साथ तो जनता ने छोड़ा कांग्रेस का ‘हाथ’

09/12/2022
AK Sharma

अयोध्या तो झांकी है… काशी, मथुरा बाकी है, जय श्री कृष्ण: एके शर्मा

01/05/2023
local vegitable rate

कोरोना काल में टमाटर ने लगाया शतक, आलू के बढ़े दाम, अब प्याज़ की है बारी

16/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version