प्रयागराज। कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच तकरार जारी है। अब तक यह आंदोलन राजनीति से दूर रहा है, लेकिन अब कांग्रेस खुलकर मैदान में उतरने की रणनीति बना रही है। संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे माघ मेला भी अब राजनीतिक अखाड़ा में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।
मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग स्थित कांग्रेस सेवा दल का तीन फरवरी से छह फरवरी तक चलने वाले 4 दिवसीय विशेष सामर्थ प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। जिसमे सेवा दल के कार्यकर्ताओ को बौद्धिक, शारिरिक प्रशिक्षण के अलावा कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास और देश के समीचीन मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा कर उनमें कांग्रेस स्वमसेवको की भूमिका क्या होगी यह तय किया जाता है।
बुधवार को शिविर के शुभारंभ के लिए यूपी कांग्रेस की ओर से सीडब्लूसी सदस्य प्रमोद तिवारी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया। जहाँ उन्होंने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि किसान आंदोलन नहीं बल्कि यह जनांदोलन है।
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यादि अन्नदाता जीता तो देश जीतेगा और हारा तो देश हारेगा। वहीं सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद पाण्डेय का कहना था कि बीजेपी की जनविरोधी नीतियों को लेकर पार्टी कार्यकर्ता जनता के बीच में जाएंगे। जहाँ सरकार की करनी और कथनी की कलई खोलने का कार्य करेंगे।
संबोधन के बाद नेताओं ने यूपी कांग्रेस की ओर से “खेती का खून, तीन काले कानून” किताब का विमोचन किया। बुकलेट जारी करने के दौरान कांग्रेस नेता हसीब अहमद ने प्रमोद तिवारी को हल भेंट किया। कांग्रेस की सियासी किताब जारी होते ही बीजेपी खेमे में हड़कंप मच गया।
इस मौके पर: पूर्व विधयाक विजय प्रकाश, सुधाकर तिवारी, अरुण तिवारी, सुरेश यादव, नफीस अनवर, उज्वल शुक्ला, मुकुन्द तिवारी, अनिल पाण्डेय, हसीब अहमद, राजेश सिंह काली, अनिल त्यागी, सतीश बिंद, सर्वानंद मिश्रा, राजदेव तिवारी, महेश त्रिपाठी, बब्लू खान, खुशनवेदा फारूकी, अल्पना निषाद, दिनेश सोनी समेत आदि सैकड़ों कांग्रेसी मौजूद रहे।