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महाशिवरात्रि पर संगम पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए लगी भीड़

Writer D by Writer D
18/02/2023
in उत्तर प्रदेश, धर्म, प्रयागराज
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Mahashivratri

Mahashivratri

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प्रयागराज। महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) पर्व पर शनिवार सुबह से ही घाटों पर स्नान करने वालों भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। लाखों शिवभक्तों ने संगम तट स्थित त्रिवेणी में स्नान करने के बाद शिव मंदिरों में जाकर भगवान शिव की आराधना करने के लिए भीड़ उमड़ी रही। दर्शन कराने के लिए मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।

शहर के सभी शिव मंदिर ओम नमः शिवाय के जाप से गुंजायमान हो उठे। शिवालयों में भगवान शंकर का अभिषेक, पूजन चल रहा है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) पर सच्चे हृदय से व्रत रखकर संगम में डुबकी लगाकर शिव स्तुति करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

शिव मंदिरों में भक्तों ने शिव की आराधना करने के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप किया और शिव को खुश करने के लिए दूध, बेल पत्ती, मदार, धतूरा, भांग, भस्म, कनेर का पुष्प आदि चढ़ाया। इसके साथ ही शिव भक्तों ने शिव चालीसा, शिव तांडव, शिव पुराण आदि का पाठ भी किया।

राजरूपपुर स्थित कैलाश मंडपम मंदिर में सुबह भगवान शिव का भव्य श्रृंगार किया गया। जहां भक्तों ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका अभिषेक किया। इस दौरान भारी संख्या में उपस्थित शिवभक्तों ने मंदिर में भजन कीर्तन शुरू किया। शहर के तमाम शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का आवागमन जारी है।

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ज्योतिषाचार्य नागेश दत्त द्विवेदी के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में हर-हर महादेव के जयघोष गूंज रहे हैं। भक्त भोलेनाथ पर बेलपत्र और जल चढ़ा कर उनकी आराधना कर रहे हैं। महाशिवरात्रि का पर्व इस बार फागुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी की रात 8.05 बजे लगा है। त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी 18 फरवरी की रात मिलने से महाशिवरात्रि के पर्व पर शनिवार की सुबह से बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने बाबा भोले नाथ का दर्शन-पूजन शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि इस महाशिवरात्रि के दिन पर्व विशेष पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि व्रत का पारण 19 फरवरी को चतुर्दशी में ही किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इसी कारण महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार फागुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी की रात 8.05 बजे लग रही है जो 18 फरवरी को शाम 5.43 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी लग जाएगी जो 19 फरवरी की दोपहर 3.39 बजे तक रहेगी।

शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कोई भक्त प्रहर के हिसाब से शिवजी की पूजा करना चाहते हैं, तो शिवलिंग स्नान के लिए रात्रि के प्रथम प्रहर में गाय के दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे प्रहर में शहद से स्नान कराने के बाद षोड्शोपचार पूजन का विधान है।

महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों का करें जाप, शिवजी पूरी करेंगे हर मनोकामना

वैसे तो भगवान शिव का अभिषेक हमेशा करना चाहिए, लेकिन शिवरात्रि का दिन कुछ खास होता है। यह दिन भगवान शिवजी का विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। कई ग्रंथों में भी इस बात का वर्णन मिलता है। भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है, मनोकामना पूरी होती है। यहां जानिए किस धातु के बने शिवलिंग की पूजा करने से कौन सा फल मिलता है।

शिवलिंग की पूजा

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सोने के शिवलिंग पर अभिषेक करने से स्वर्ग की प्राप्ति, मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश, हीरे से निर्मित शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति, पुखराज के शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन लक्ष्मी की प्राप्ति, स्फटिक के शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी, नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति, चांदी के शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति, ताम्बे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लम्बी आयु की प्राप्ति, लोहे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है।

Tags: mahashivratriMahashivratri 2023Mahashivratri importanceMahashivratri muhurtPrayagraj News
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