लखनऊ। यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड करने वाले गैंग में शामिल दो चीनी नागरिकों को नोएडा से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी रिश्ते में पति-पत्नी हैं। इनके पास से विभिन्न कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर फर्जी सिमकार्ड मिले हैं। इनके द्वारा एक हजार से ज्यादा एक्टिवेटेड सिम अन्य लोगों को उपलब्ध कराए गए हैं। एटीएस ने इससे पहले इस गैंग के 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस गैंग में शामिल विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि नोएडा से गिरफ्तार किए गए पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंग ली (महिला) और जू जुंफी उर्फ जुलाही (पुरुष) ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। दोनों चीनी नागरिक एक्टिवेट सिम हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में कई होटलों के मैनेजरों को उपलब्ध कराते थे।
गिरफ्तार किये गये दम्पति ने एटीएस को बताया कि है कि उन्होंने प्री-एक्टिवेटेड सिम को गुड़गांव स्थित होटल के चीनी मालिक के निर्देश पर चीनी मैनेजर को उपलब्ध कराया था। इनमें से एक चीन में रहता है। जिससे अभियुक्त वीचैट ऐप के माध्यम से जुड़े थे। होटल मैनेजर को अब तक 1000 प्री-एक्टिवेटेड भारतीय सिम अभियुक्तों के द्वारा उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आई है। इस संबंध में उन लोगों की तलाश की जा रही है। दोनों अभियुक्तों में महिला आरोपी का बिजनेस वीजा की वैधता सितंबर 2020 में और पुरूष आरोपी की बिजनेस वीजा की वैधता अगस्त 2020 में समाप्त हो चुकी है। वीजा अवधि समाप्त होने के बाद ये भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
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एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि यह गिरोह फर्जी सिम कार्ड हासिल कर विभिन्न बैंकों में आॅनलाइन खाता खोलते थे। फिर आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि को उन खातों में डालकर कुछ ही समय में कार्डलेस ट्रांजेक्शन कर लेते थे। इन पैसों का किस काम में प्रयोग हुआ है, इसकी जांच चल रही है। चूंकि चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है, इसलिए चीनी दूतावास को सूचना दी गई है।
बता दें यूपी एटीएस ने पिछले सप्ताह वितरकों-रिटेलरों से प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड लेकर दिल्ली में बेचने वाले प्रेम सिंह समेत 14 शातिरों को दबोचा था। एटीएस ने पिछले शनिवार को मुरादाबाद, अमरोहा, संभल सहित दिल्ली में छापेमारी की थी। इस गिरोह में विदेशी नागरिकों को शामिल होने की आशंका के बाद लुकआउट नोटिस जारी किया जा रहा था। पूछताछ में सामने आया कि दिल्ली में इस तरह करीब 1500 सिम बेचे गए। करीब पचास लाख रुपये ट्रांजेक्शन की बात सामने आयी थी।