हिंदू धर्म में जहां चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) से होती है, वहीं चातुर्मास का समापन देवउठनी एकादशी पर होता है। चातुर्मास के दौरान सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि पर रोक लग जाती है और इन सभी शुभ कार्यों की शुरुआत देवउठनी एकादशी से होती है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को है और इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है।
देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) 2023 मुहूर्त
रात्रि का मुहूर्त – शाम 05.25 – रात 08.46
व्रत पारण समय – सुबह 06.51 – सुबह 08.57 (24 नवंबर 2023)
भगवान विष्णु की पूजा
देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) पर भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु 4 महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पूरी सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इसी दिन भगवान शालिग्राम का माता तुलसी के साथ भी विवाह हुआ था। देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के बाद करें ये शुभ काम
चातुर्मास खत्म होने के बाद देवउठनी एकादशी के साथ ही नए निवेश, वाहन, प्रॉपर्टी, सोना-चांदी आदि की खरीदारी कर सकते हैं। यही कारण है कि लोगों को देवउठनी एकादशी का बेसब्री से इंतजार रहता है।