अयोध्या। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े कई बड़े चेहरे नजर नहीं आयेंगे।
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी,डा मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को स्वीकार किया कि कोरोना वायरस की वजह से कई बुजुर्ग नेताओं को भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेने को कहा गया है।
उन्होने कहा “ हम खेद व्यक्त करते है कि हम उन्हे आमंत्रित नहीं कर सके। श्री आडवाणी की आयु 90 वर्ष से अधिक है। वह कैसे आ सकते हैं। कई अन्य महान हस्तियों की भी आयु को देखते हुये नहीं बुलाया गया है। ” उन्होने खुलासा किया कि कार्यक्रम में 175 मेहमान भाग लेंगे।
श्री राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत,सह कार्यवाह भैया जी जोशी समेत अन्य मेहमान मंगलवार रात तक अयोध्या पहुंच जायेंगे।
उन्होने कहा “ हमने संतो को आमंत्रण दिया है लेकिन उनकी जाति के अनुसार नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इनमें से कुछ खुद को दलित कहते हैं। कुल 133 हिन्दू संतो को कार्यक्रम के लिये आमंत्रण भेजा गया है। नेपाल स्थित जानकी मंदिर के संत को भी भूमि पूजन का न्योता भेजा गया है। ”
आमंत्रित अतिथियों में मोहम्मद शरीफ और रामजन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। श्री शरीफ वह शख्सियत है जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते है। इसके अलावा विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल के भतीजे सलिल सिंहल को भी कार्यक्रम में बुलाया गया है।
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इस बीच ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया “ सभी आमंत्रण पत्रों में सिक्यूरिटी कोड होगा जो सिर्फ एक बार काम करेगा जिससे एक बार कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश करने वाला मेहमान परिसर के अंदर ही रहेगा। कार्यक्रम स्थल में मोबाइल या कैमरा ले जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम आमंत्रण पत्र में होगा। कार्यक्रम के लिये कोई वाहन पास जारी नहीं किया जायेगा।
श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हनुमानगढी के दर्शन के उपरांत 1230 बजे भूमि पूजन स्थल पधारेंगे। वह यहां पारिजात का एक पौधा भी रोपेंगे। श्री मोदी के साथ मंच पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास होंगे।
शिवसेना से मंदिर निर्माण के लिये मिले दान का खुलासा करते हुये श्री राय ने कहा कि महाराष्ट्र से शिवसेना के नाम से एक रूपये का चेक उन्हे मिला है लेकिन उन्होने आश्वस्त किया है कि वह मंदिर के लिये तीन करोड रूपये का दान करेंगे।
पांच अगस्त को रामलला की पोशाक के बारे में फैसला करने में प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका से इंकार करते हुये उन्होने कहा “ यह पीएमओ,मुख्यमंत्री अथवा ट्रस्ट का कार्यक्षेत्र नहीं है। रामलला की पोशाक दिन के हिसाब से पुजारी तय करते है। यह बिल्कुल तय होता है कि रघुकुल कौन से दिन किस रंग की पोशाक धारण करेंगे। ”