लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से उसकी काली कमाई के बारे में लंबी पूछताछ की। वह सात दिन की ईडी की कस्टडी रिमाण्ड पर है। पूछताछ के दौरान उससे छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से बरामद संपत्तियों के दस्तावेजों से संबंधित कागजातों पर भी जानकारी मांगी गई। लेकिन वह लगातार ईडी के अधिकारियों के सवालों से बचता रहा।
ईडी को जेल में निरुद्ध प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की सात दिनों की कस्टडी रिमांड मिली हुई है। शुक्रवार को रिमांड का दूसरा दिन था। गायत्री प्रजापति के विरुद्ध ईडी ने दो केस दर्ज कर रखे हैं। गत 15 जनवरी को उसके खिलाफ ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी एक केस दर्ज कर लिया था।
मनी लांड्रिंग का एक केस पहले से ही दर्ज है। यह नया केस गायत्री की बेनामी संपत्तियों के बारे में मिली जानकारियों और साक्ष्यों के आधार पर दर्ज किया गया था। पहले से चल रही जांच में भी ईडी ने ढेर सारे साक्ष्य जुटाए हैं। इस बार साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ हो रही है और उसका बयान दर्ज किया जा रहा है।
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खनन घोटाले में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस केस की जांच के दौरान ईडी ने 30 दिसंबर 2020 को गायत्री, उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट व कुछ बेहद करीबी व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान उसे गायत्री की 100 से अधिक नामी-बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी। कुछ संपत्तियों के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य भी मिले थे।
ईडी के सूत्रों के अनुसार गायत्री से उसकी व उसके बेटों की संपत्तियों, उसके द्वारा बनाई गई शेल कंपनियों और जमीनों के कारोबार के जरिए काला धन खपाने की आपराधिक साजिश के बारे में लगातार पूछताछ हो रही है। पिछली बार जांच में उसने सहयोग नहीं किया था।
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इस मामले में गायत्री की संपत्तियां जब्त हो सकती हैं। आय से अधिक संपत्ति का मामला उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच में भी प्रमाणित हो चुका है।