राज्यसभा सांसद एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों से केंद्र सरकार की नौवें दौर की वार्ता विफल होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष के उकसावे पर कृषक नेता बिचौलियों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि दिल्ली को जाम कर दो करोड़ लोगों के मौलिक अधिकारों को बंधक बनाये रखने वाले किसान अपने आंदोलन के 51वें दिन केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की वार्ता का भी विफल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है किसान नेता बिचौलियों के हित की अंतिम लडाई लड़ रहे हैं।
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श्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत जैसे बड़े कृषि प्रधान देश के लिए जो नये कृषि कानून बनाये उनसे किसानों और उनकी पैदावार खरीदने वालों के बीच सीधा संबंध बनेगा, ग्रामीण क्षेत्र को बल मिलेगा और बिचौलियों का दबाव कम होगा।
उन्होंने कहा कि जो बात एक वैश्विक संगठन की समझ में आती है और जिससे देश के अनेक कृषि विशेषज्ञ भी सहमत हैं उसे विपक्ष के उकसावे पर आंदोलन करने वाले किसान नेता समझने को तैयार नहीं हैं।