उत्तर प्रदेश में हरदोई की शाहाबाद कोतवाली पुलिस ने ढाई साल पहले हुई हत्या का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने शुक्रवार को यहां बताया की हरदोई की शाहाबाद कोतवाली पुलिस ने रामलड़ैते ,लालू और राजेंद्र इन तीन लोगों को ढाई साल पुराने एक गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार किया है जो पुलिस फाइलों में कैद होकर रह गया था। पुलिस की तफ्तीश में यह गुमसुदगी का मामला एक नहीं दो हत्याओं का निकला। उन्होंने बताया कि शाहजहांपुर में कटरा क्षेत्र के मढ़िया गांव के रहने वाले दिलीप कुमार की ससुराल शाहबाद कोतवाली के हसनापुर गांव में है।
जहां 20 अप्रैल2018 को दिलीप अपनी ससुराल आया था। उसने अपने ससुर को अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखने के लिए दिए थे। ससुर ने जेवर गिरवी रखने की बजाय बेच दिए थे। जेवर की वापसी को लेकर ससुर और दामाद के बीच में मारपीट हुई जिसमें दामाद दिलीप कुमार के बेहोश होने के बाद ससुर रामलड़ैते ने अपने साथी लालू और राजेंद्र के साथ मिलकर अपने दामाद को एक बोरी में भरकर शाहजहांपुर में सेहरामऊ के पास रेल लाइन पर फेंक दिया था। ट्रेन से कटने के बाद बरामद शव को पुलिस ने अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार करा दिया था।
हाईकोर्ट की सख्ती के चार साल बाद हुआ आदेश का पालन, मिला कब्जा
श्री वत्स ने बताया कि पति के वापस ना लौटने पर लगभग 15 दिन बाद उसकी पत्नी सोनी ने अपने पिता रामलड़ैते से अपने पति को लेकर पूछताछ की तो दामाद की हत्या का भेद न खुल जाए इसके लिए रामलड़ैते ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी बेटी का भी कत्ल कर दिया और पहचान न होने के लिए उसका चेहरा बुरी तरह से कुचल कर उसके शव को भी जंगलों में फेंक दिया। जंगलों में पुलिस ने बरामद शव को अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
इधर ढाई वर्ष पुरानी इस गुमशुदगी के मामले में पुलिस अधिकारियों ने जब थाना पुलिस से पूरे मामले में गहराई से पूछताछ और तहकीकात की तब पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मृतक के घर और ससुराल में जाकर जांच की तो पता चला कि मृतक के ससुराल वाले सब जमीन जायदाद बेचकर उन्नाव के बांगरमऊ में मकान बनाकर रहने लगे हैं।
राममंदिर निर्माण से पीएम मोदी ने पूरा किया कई पीढ़ियों का संकल्प : सीएम योगी
इसके बाद पुलिस ने बांगरमऊ में आरोपी रामलड़ैते को हिरासत में लेकर जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने दामाद ही नहीं बल्कि बेटी की भी हत्या से पर्दा उठा दिया।
पुलिस ने पूरे मामले में राम लड़ैते और उसके साथियों को गिरफ्तार करके ढाई साल से पुलिस की फाइलों में कैद इस मामले का खुलासा करते हुए दामाद और बेटी की हत्या के आरोप में ससुर और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है।