देशभर में गंगा दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु बड़ी ही श्रद्धा के साथ पूरे विधि- विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में गंगा का बड़ा महत्व है।
गंगा दशहरा पर्व के मौके पर कन्नौज के मेहंदी घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए उमड़ पड़े। लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल की सारी धज्जियां उड़ाकर रख दीं। श्रद्धालुओं ने न तो मास्क पहना हुआ था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कर रहे थे। मेहंदी घाट पर कन्नौज, हरदोई, औरैया, इटावा, जालौन सहित कई जनपद के लोग हजारों की संख्या में यहां गंगा स्नान करने आते हैं।
गंगा दशहरा के मौके पर यूपी के कन्नौज के मेहंदी घाट पर श्राद्धालुओं की भीड़ गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़ी। लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल के सारे नियम तोड़े। श्रद्धालु बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी कर गंगा स्नान करते दिखाई दिए।
गंगा स्नान के लिए उमड़ी इस भीड़ ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। अगर लापरवाही बरती गई तो जल्द ही तीसरी लहर का खतरा भी सामने होगा। कन्नौज में कोरोना वायरस की रफ्तार कुछ धीमी जरूर पड़ी है लेकिन खतरा लगातार बना हुआ है। ऐसे में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में तेजी दिखाई दे सकती है। प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी लोग कुछ भी समझने के लिए तैयार नहीं है।
गंगा दशहरा स्नान पर्व इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कोविड कर्फ्यू होने के बाद भी श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबकी लगाई। इसके अलावा अन्य घाटों पर भी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। वहीं पुलिस द्वारा भी हरकी पौड़ी क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में भी गंगा दशहरा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने पवित्र तीर्थ विश्राम घाट पर आकर यमुना में डुबकी लगाकर स्नान किया। कोरोना संक्रमण के काल के चलते स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब नहीं उमड़ा। जिला प्रशासन ने गंगा दशहरा पर्व को देखते हुए यमुना के विश्राम घाट के घाटों पर सुरक्षा के प्रबंध किए थे।
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा दशहरा बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। दूर दूर से आए श्रद्धालु गंगा की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। लोग कोरोना के खतरे से बेफिक्र दिखाई पड़े।
जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले कम होते जा रहे हैं, वैसे ही वैसे लोगों में कोरोना का खौफ भी कम होता जा रहा है। आज गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा घाटों पर स्नान के रोक के बावजूद सैकड़ों की संख्या में लोग गंगा स्नान करते दिखे। इस मौके पर भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
गंगा दशहरा के मौके पर गंगा डंसन को भारी भीड़ दिखी। गंगा स्नान के लिए आई भीड़ कोविड को लेकर बेपरवाह दिखाई दी। फर्रुखाबाद में पांचाल घाट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को हर साल गंगा दशहरा पर स्नान होता है। आज गंगा दशहरा के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी।
गंगा स्नान को देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्था तो की थी, लेकिन भीड़ के आगे नाकाफी साबित हुई। आधी रात से ही पांचाल घाट पर गंगा स्नान के लिए फर्रुखाबाद समेत आसपास के जिलों से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। स्नान के लिए आए श्रद्धालु कोरोना गाइडलाइन को लेकर बेपरवाह नजर आए। आखिर महामारी पर आस्था भारी नजर आई।
मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा मुख्यतः गंगा के अवतरण का दिन है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी को मां गंगा का प्राकट्य हुआ था। गंगा दशहरा के दिन गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकल कर धरती पर आई थीं। उनके धरती पर आने के बाद ही राजा भागीरथ के पूर्वजों की तृप्ति हुई थी। ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है तथा पूर्वजों की तृप्ति होती है।