ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती ( Shani Sadesati) और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं। शनिदेव 2025 में राशि परिवर्तन करेंगे।
शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती ( Shani Sadesati) शुरू हो जाएगी। मेष राशि पर 2032 तक शनि की साढ़ेसाती रहेगी। 2032 में शनि के राशि परिवर्तन करते ही मेष राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। शनि की साढ़ेसाती लगने पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जाएगा। शनि की साढ़ेसाती की वजह से व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो जाता है। व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं, शनि की साढ़ेसाती लगने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
– स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
-धन खर्च सोच-समझकर ही करें।
-अपनी समस्या का कारण मानने से बचें।
-एकाग्र होकर काम करें।
-कपटियों से सावधान रहने की सख्त जरूरत है।
-किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लें।
-लेन-देन करते समय सावधानी बरतें।
-इस समय किसी भी तरह के वाद-विवाद से दूर रहें।
-सेहत के प्रति सावधान रहें।
-किसी बड़े निर्णय लेने से पहले घर-परिवार या दोस्तों से चर्चा कर लें।
-व्यापार में जोखिम लेने से बचें।
-निर्णय लेने में जल्दबाजी नही करें।
-किसी बड़े निवेश से बचें।
-क्रोध और आवेश पर संयम रखें। ऐसा न करने से बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
-आप अपना मानसिक संतुलन न खोएं।
-कुल मिलाकर काफी संभलकर कार्य करने की जरूरत है।