बलिया जिला कारागार एक बार फिर अशांत हो उठा। बुधवार शाम पौने आठ बजे के करीब रुटीन चेकिंग के दौरान कैदियों ने बंदी रक्षकों पर हमला कर दिया। इस दौरान कैदियों ने जमकर पथराव भी किया। बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर हालात को काबू में किया। डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
बलिया डीएम अदिति सिंह ने कहा कि कैदियों के दो गुटों के बीच कहासुनी के बाद झड़प हुई है। अब स्थिति सामान्य है और सभी कैदी बैरकों में हैं। कोई हताहत नहीं हुआ है। मामले की जांच की जाएगी।
किसी बात को लेकर कुछ कैदियों द्वारा की जा रही गोलबंदी और मनमानी को लेकर पूर्व जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को चेताया गया था। बुधवार शाम जेल प्रशासन शासन के निर्देशानुसार बैरकों की रुटीन चेंकिग कर रहा तभी कुछ कैदी इसका विरोध करने लगे। हालांकि तब जेल के अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया।
लेकिन जैसे ही अधिकारी बैरकों से वापस लौटे, कैदियों ने कुछ बंदी रक्षकों को घेर लिया और उन पर पथराव करने लगे। अचानक हुए हमले से बंदी रक्षक सकते में आ गए और उन्होंने जैसे-तैसे जान बचाई और उच्चाधिकारियों को सूचना दी। हालात गंभीर देख जेल अधिकारियों ने जिला प्रशासन को घटना से अवगत कराया।
बंदियों के उत्पात और पथराव की सूचना पर पुलिस हरकत में आ गई और उच्चाधिकारियों के साथ दो गाड़ी पीएसी के साथ कई थानों की फोर्स जेल पहुंच गई। देर रात तक जेल के अंदर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बलिया जिला जेल के जेलर अंजनी गुप्ता ने कहा कि रुटीन जांच के दौरान कुछ कैदियों द्वारा इसका विरोध किया गया था। तब समझाने से कैदी मान गए थे, लेकिन घात लगाकर कुछ कैदियों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। इसकी जानकारी पुलिस और जिले के आला अधिकारियों को दी गई। अब हालात नियंत्रण में है।
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बलिया जिला कारागार में जब भी कोई नया जेल अधीक्षक आता है और सख्ती बरतना शुरू करता है तो कैदी तुरंत कोई न कोई बहाना लेकर हंगामा शुरू कर देते हैं। उनका मकसद होता है कि जेल में जैसा पहले से चल रहा है वैसा चलता रहे। सख्ती न बरती जाए। जेल प्रशासन व सिविल पुलिस के सख्ती के कारण उन्हें बौना साबित होना पड़ता है।
ललितपुर से स्थानांतरित होकर जिला कारागार बलिया आए नवागत जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा ने जेल के अंदर से पैसे देकर फोन करने वालों पर सख्ती बरतनी शुरू की। पीसीओ से बात करने का आदेश जारी किया है। इस पर कैदियों ने अपनी गोपनीयता भंग होने की बात कह कर हंगामा करते रहे हैं।
बुधवार को जेल में मोबाइल की चेकिंग हो रही थी। इसे लेकर कैदियों ने करीब एक घंटे से ज्यादा तक बवाल काटा। जिसे जेल प्रशासन ने संभालने की कोशिश की। जब मामला उनसे बाहर होता दिखा तो उन्होंने जिला प्रशासन व सिविल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स व आला अधिकारी जिला कारागार पहुंचे। जिनके अथक प्रयास के बाद कैदी शांत हुए।