भारत ने गुरुवार यानी आज से पाकिस्तान सीमा के पास अपने सबसे बड़े संयुक्त सैन्य (Military) अभ्यास त्रिशूल (Trishul) की शुरुआत कर दी है। यह ट्राई-सर्विस (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) युद्धाभ्यास 10 नवंबर तक चलेगा। यह अभ्यास 3 नवंबर से अपनी असली रफ्तार पकड़ेगा। ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद भारत का पहला बड़ा सैन्य अभ्यास है।
सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास का उद्देश्य पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देना है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन सिंदूर की वहीं से अगली कड़ी शुरू कर सकता है, जहां वह मई में रुका था।
कहां हो रहा है अभ्यास
त्रिशूल (Trishul) का आयोजन गुजरात और राजस्थान में किया जा रहा है, जिसमें मुख्य फोकस कच्छ क्षेत्र पर है जो पाकिस्तान के साथ संभावित नए तनाव बिंदु के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यदि उसने गुजरात के सर क्रीक क्षेत्र में भारत की जमीन पर कब्जे की कोशिश की, तो उसका जवाब इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा।
उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान ने सर क्रीक इलाके में नई सैन्य चौकियां, बंकर, रडार और ड्रोन लॉन्च बेस (FOBs) तैयार किए हैं, जिन पर भारत की कड़ी नजर है।
त्रिशूल (Trishul)में शामिल सेनाओं की ताकत
इस युद्धाभ्यास में तीनों सेनाओं के सबसे उन्नत हथियार और कमांडो यूनिट्स भाग ले रहे हैं।
थलसेना: टी-90 युद्धक टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट्स और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
वायुसेना: राफेल और सुखोई-30 जैसे फाइटर जेट्स, साथ ही सी गार्जियन और हेरॉन ड्रोन
नौसेना: कोलकाता-क्लास डिस्ट्रॉयर, निलगिरी-क्लास फ्रिगेट्स और तेज हमला करने वाले जहाज
इसके अलावा, भारतीय सेना की पैरा एसएफ (Para SF), नौसेना की मरीन कमांडो यूनिट (MARCOS) और वायुसेना की गरुड़ कमांडो फोर्स भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं
पाकिस्तान में मची हलचल
भारत के इस बड़े सैन्य प्रदर्शन से इस्लामाबाद में खलबली मच गई है। अभ्यास शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र के कई हिस्सों को बंद कर दिया। पाकिस्तान की एविएशन अथॉरिटी ने एक NOTAM (Notice to Airmen) जारी कर मध्य और दक्षिणी हवाई मार्गों पर 48 घंटे की उड़ान प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि जैसे-जैसे अभ्यास शुरू होने का समय करीब आया, पाकिस्तान ने अपनी लगभग पूरी एयरस्पेस को प्रतिबंधित कर दिया, जिससे उसकी घबराहट साफ झलकती है।
रणनीतिक संदेश
त्रिशूल (Trishul) सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं बल्कि एक रणनीतिक संकेत है कि भारत अब अपनी सुरक्षा और सीमा अखंडता के मामले में किसी भी चुनौती के लिए तैयार है। यह अभ्यास पाकिस्तान को चेतावनी देने के साथ-साथ भारतीय सेनाओं की पोस्ट-सिंदूर युद्ध तत्परता का परीक्षण भी है।
त्रिशूल (Trishul) भारत के अब तक के सबसे बड़े ट्राई-सर्विस अभ्यास में से एक है, जो पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत न केवल सतर्क है, बल्कि किसी भी परिस्थिति में जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है।









