चिनहट थाने में जाह्नवी इंफ्रा डेवलपर के मालिक राजीव कुमार विश्वकर्मा के खिलाफ करोड़ों रुपये की ठगी का केस दर्ज किया गया है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि मल्हौर स्थित कार्यालय में उसने प्लॉट के बारे में जानकारी दी और वहीं पर निवेश कराया। इसके बाद रकम लेकर भाग गया। पुलिस जांच कर रही है।
प्रभारी निरीक्षक चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी ने बताया, हासेमऊ निवासी मनीष यादव ने तहरीर दी है। इसके मुताबिक राजीव विश्वकर्मा प्रयागराज के नवाबगंज आदमपुर अटरामपुर का रहने वाला है। उसने मल्हौर में सियाराम कॉम्पलेक्स लौलाई एमिटी यूनिवर्सिटी केपास जाह्नवी इंफ्रा डेवलपर के नाम से कार्यालय खोला जिसका प्रोपराइटर अपनी पत्नी सावित्री को बनाया। दोनों ने मिलकर ठगी का काम शुरू किया।
पीड़ित का आरोप है कि राजीव ने जमीन व मकान दिलवाने, भवन निर्माण के नाम पर 40 से अधिक लोगों से निवेश के नाम पर करोड़ो रुपये जमा कराए। इसके बाद टालमटोल करता रहा। अचानक तीन अगस्त को वह परिवार समेत भाग गया। मनीष के मुताबिक, उसके 45 लाख, विराजखंड के महेंद्र प्रताप सिंह का 1.45 करोड़, बृजेश कुमार के 27 लाख, भानू प्रताप मौर्या का 20 लाख, अभिषेक श्रीवास्तव के 11.37 लाख, बाबू लाल के 15 लाख, अवध राम यादव के 8 लाख, संतोष वर्मा के 10 लाख, आशुतोष शाह के 7.25 लाख, शोभा यादव के 5 लाख, गोमती यादव के 4 लाख, लवकुश यादव के 4 लाख, हरीश वर्मा के 8.5 लाख रुपये समेत अन्य लोगों की रकम लेकर भाग गया। प्रभारी निरीक्षक घनश्याम मणि त्रिपाठी के मुताबिक, केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पीड़ित मनीष यादव व महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, जाह्नवी इंफ्रा डेवलपर के नाम पर एक्सिस बैंक के विकासनगर शाखा में, पत्नी सावित्री के एक्सिस बैंक गोमतीनगर शाखा, राजीव विश्वकर्मा के नाम से इंडसइंड बैंक जानकीपुमर के खाते में करोड़ों रुपये की रकम जमा कराई गई। इसके बाद बैंक से सारी नकदी निकाल ली गई। उसने अपनी लग्जरी कार भी एक महीने पहले किसी को बेच दी। वह किराए की गाड़ी से चलता था, जो तीन अगस्त को सफेदाबाद में लावारिस हालत में खड़ी मिली।
वहीं, आरोपी बिल्डर का एक सुसाइड नोट मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें बिल्डर राजीव विश्वकर्मा ने पत्नी व बच्चों के साथ खुदकुशी करने की बात लिखी है। पत्र में लिखा कि मैं, पत्नी व बेटी के साथ आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसके लिए मेरा परिवार, दोस्त व रिश्तेदार जिम्मेदार नहीं है। पिछले दो साल से बाजार की स्थिति ठीक न होने से दिक्कत हो रही थी, लेकिन निवेशक इस बात को समझने को तैयार नहीं थे। इससे पूरा परिवार डिप्रेशन में है।
उसने कुछ निवेशकों पर आरोप लगाया कि कम निवेश करने के बाद भी अपनी रकम को दो से तीन गुना दिखा रहे हैं। एक निवेशक ने 56 लाख रुपये का 1.65 करोड़ बना दिया। वहीं एक ने तीन लाख का 14, एक ने 15 लाख का 32, 25 लाख का 50 लाख तक बनाया गया है। यह सभी लोग लगातार फोन कर परेशान कर रहे हैं। मेरे पास आत्महत्या के सिवाय कोई और रास्ता नहीं है।