कश्मीर घाटी में कोरोना महामारी के मद्देनजर रमजान के पवित्र माह के आखिरी जुम्मे जुमत-उल-विदा के मौके पर असार-ए-शरीफ हजरतबल और ऐतिहासिक जामिया मस्जिद समेत किसी भी प्रमुख मस्जिद या मजार पर नमाज अदा नहीं की जा सकी।
घाटी में कोरोना मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण कर्फ्यू लागू है। गुरुवार को यहां कोरोना संक्रमण के 3,241 नये मामले सामने आये थे और 18 और मरीजों की मौत हई थी।
घाटी के सुदूरवर्ती इलाकों में स्थित मस्जिदों में मानक संचालन प्रक्रिया के तहत जुमत-उल-विदा की नमाज अदा की गयी। इस दौरान नमाजियों ने फेस मास्क लगाये रखा और सामाजिक दूरी का भी पालन किया।
इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोगों को इस अवसर पर बधाई दी।
कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने आज शहर के विभिन्न मस्जिदों और मजारों का दौरा कर कोरोना कर्फ्यू तथा अन्य स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने लोगों से वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपायों और दिशानिर्देशों का पालन करने की भी अपील की।
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श्रीनगर के पुराने इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद आज बंद रही। उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के नेतृत्व वाले अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद की ओर से 28 अप्रैल को ही काेरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐतिहासिक मस्जिद में सभी सामूहिक संबोधन को भी स्थगित कर दिया गया।
केंद्र की ओर से पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष अधिकार को खत्म करने एवं राज्य को दो केंद्र प्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से ही मीरवाइज घर में नजरबंद हैं।
इधर दक्षिण, उत्तर और मध्य कश्मीर के भी प्रमुख मस्जिदों एवं मजारों में भी जुमत-उल-विदा की नमाज अदा नहीं की जा सकी।