लाइफ़स्टाइल डेस्क। इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को लग रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी चंद्रमा व सूर्य एक सीधी रेखा में आते हैं और सूर्य को चांद ढक लेता है। इससे सूर्य की रोशनी कम पड़ जाती है और धीरे-धीरे अंधेरा छाने लगता है। ऐसे में वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा नजर आएगा। इसके चलते सूर्य आधार ढक जाएगा। सूर्य ग्रहण के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है जिसकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं। लेकिन इससे पहले जानते हैं सूर्य का ग्रहण लगने का समय-
सूर्य ग्रहण का समय:
सूर्य ग्रहण शाम 07 बजकर 04 से शुरू होगा। यह 15 दिसंबर को रात्रि 12 बजकर 23 पर समाप्त होगा। बताया जा रहा है कि सूर्य ग्रहण भारत समेत सऊदी अरब, कतर, सुमात्रा, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर, नॉर्थन मरिना आईलैंड, श्रीलंका और बोर्नियो में दिखाई देगा।
मत्स्यपुराण की कथानुसार, जब समुद्र मंथन से अमृत निकला था तो राहु नाम के दैत्य ने देवताओं से छिपकर उसे पी लिया था। यह होते हुए सूर्य और चंद्रमा दोनों ने देख लिया था। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी। यह सुन विष्णु जी को बहुत क्रोध आ गया।
उन्होंने राहु के इस अन्यायपूर्ण कृत के चलते उसे मृत्युदंड देने के लिए उस पर सुदर्शन चक्र से वार किया। ऐसा करने पर राहु का सिर उसके धड़ से अलग हो गया। लेकिन उसने अमृतपान किया हुआ था जिसके चलते उसकी मृत्यु नहीं हुई। वहीं, राहु ने सूर्य और चंद्रमा से प्रतिशोध लेने के लिए दोनों पर ग्रहण लगा दिया। इसे ही आज सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के नाम से जाना जाता है।