रायबरेली। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक नाबालिग की बलि चढ़ाने के मामले में एक महिला समेत 3 अभियुक्त को आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुनाई है।
राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अजय मौर्य ने बताया कि दस वर्ष पूर्व ऊंचाहार थाना क्षेत्र के जमुनापुर स्थित कुटी पर रामलीला देखने गए 11 वर्षीय नाबालिग अमन कौशल का अपहरण हो गया था, जिसकी गुमशुदगी की सूचना वादी धर्मेंद्र कुमार कौशल ने 8 अक्टूबर 2012 को ऊंचाहार थाने में दी थी, 10 अक्टूबर 2012 को जानवर चरा रहे बच्चों द्वारा देखा गया कि रामलीला मैदान के पीछे झाड़ियों में एक शव, जिसका कटा हाथ व सर के बाल कटे थे, सूचना पर पुलिस ने शव को बरामद किया था।
वादी ने शव की पहचान अपने बच्चे अमन कौशल के रूप में की थी, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। वहीं हत्या में प्रयुक्त किया गया अला कत्ल व तंत्र-मंत्र की सामग्री भी पुलिस ने बरामद किया था।
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि नाबालिक का अपहरण के बाद तंत्र-मंत्र करके उसकी हत्या कर ऊंचाहार स्थित रामलीला मैदान के पीछे झाड़ियों में छिपाया था। शव का पीएम होने के बाद हत्या में प्रयोग की गयी तन्त्र मन्त्र सामग्री को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था, जिसमे मानव रक्त पाया गया था।
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जांच मे यह भी सामने आया कि रामलीला देखने के दौरान मृतक अमन कौशल सिकंदर के पास बैठा था विवेचना में सिकंदर बक्स पुत्र अब्दुल हबीब, आयशा बानो पत्नी मोहम्मद शरीफ व अजय सिंह उर्फ कल्लू पुत्र रामबहादुर मामले में सम्मिलित पाए गए। जिन पर पुलिस ने धारा 302 व 201 के अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
गवाहों के बयानात के अनुसार जिला जज अब्दुल शाहिद ने तीनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा तथा अतिरिक्त दस हजार रुपये का अर्थदंड व धारा 201 के तहत 5 वर्ष की सजा व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।