कराची। पाकिस्तान (Pakistan) में अज्ञात हमलावरों ने मशहूर धार्मिक नेता नात ख्वान मौलाना रहीमुल्लाह उर्फ मौलाना रहीम उल्लाह तारिक (Maulana Rahimullah Tariq) की हत्या कर दी।घटना कराची की है। अज्ञात हमलावरों ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया जब मौलाना एक धार्मिक सभा में शामिल होने जा रहे थे। हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। कराची पुलिस का कहना है कि मौलाना की हत्या टारगेट किलिंग से जुड़ी हो सकती है। मौलाना रहीमुल्लाह के बारे में दावा किया जा रहा है कि वह जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के वांटेड आतंकी मसूद अजहर के करीबी हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में हालांकि, मौलाना (Maulana Rahimullah Tariq) के जैश कनेक्शन पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हाल के महीनों में पाकिस्तान में कई टार्गेट किलिंग को अंजाम दिया गया है।
खैबर पख्तूनवा के बाजौर में इससे में पहले लश्क-ए-तैयबा के कथित एक सीनियर कमांडर अकरम खान गाजी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दावा किया जाता है कि वह लश्कर आतंकी फौज में रिक्रूटर का काम करता था। दावे के मुताबिक, वह भारत में कट्टरवाद को बढ़ाने और कथित रूप से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था।
पाकिस्तान में हो रही टारगेट किलिंग
पाकिस्तान में आए दिन हो रही टारगेट किलिंग से परिस्थियां अस्पष्ट हैं, और किसी भी संगठन ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी नहीं ली है। ध्यान देने की बात यह है कि इन घटनाओं के लिए पाकिस्तान ने खुले तौर पर भारतीय खुफिया एजेंसियों पर उसकी सीमाओं के भीतर अपहरण और हत्याओं का आरोप लगाया है। पाकिस्तान का दावा है कि इन हत्याओं को भारतीय एजेंसी अंजाम दे रही है और उसके पास इसके सबूत हैं। हालांकि, भारत स्पष्ट रूप से बिना सबूत वाले इन दावों को खारिज किया है।
उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों को बचाने की जंग जारी
ढांगरी आतंकी हमले का मास्टरमाइंड रहा रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम की कब्जे वाले कश्मीर की एक मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक अन्य मामले में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बशीर अहमद पीर की रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी। उसे इम्तियाज आलम के नाम से भी जाना जाता था।हालांकि, इन हत्याओं के पीछे की वजहें साफ नहीं है। स्थानीय पुलिस ने भी इन मामलों पर कोई ऐसा ठोस बयान नहीं दिया है।