आगरा। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक कुशवाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने स्मार्ट सिटी योजना के 105 करोड़ के काम अनुभवहीन कंपनियों को दे दिए हैं। आगरा में स्मार्ट सिटी के तहत 1 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
अभी कुछ दिन पहले स्मार्ट सिटी में टॉप लेवल के अधिकारियों के कमीशनखोरी की चिट्ठी वायरल हुई थी, हाल ही में एक और मामला सामने आया है जिसमें अभी हाल ही में नगर आयुक्त पद से हटाए गए अरुण प्रकाश और एक कॉन्ट्रेक्टर की गम्भीर शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है। साथ ही भाजपा नेता ने मंडलायुक्त कार्यालय से इस मामले में जानकारी मांगी है कि किस आधार पर 105 करोड़ का स्मार्ट सिटी का काम अनुभवहीन और मानक न पूरे करने वाली फर्मों को दे दिया गया।
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भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक कुशवाहा ने मुख्यमंत्री से जो शिकायत की है, उसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि स्मार्ट सिटी के तहत 105 करोड़ के काम में फर्जी दस्तावेजों और बैंक गारंटी लगाकर गलत फर्म को काम दिया गया । तत्कालीन नगर आयुक्त अरुण प्रकाश के आगरा की फर्म राधिका इंफ्राटेक के मालिक सुनील कुमार से व्यावसायिक साझेदारी की वजह से बिना अनुभव और फर्जी बैंक गारंटी से ये काम से दिया गया। साथ ही यह भी कहा कि अरुण प्रकाश और सुनील कुमार की कॉल डिटेल चेक करवा ली जाए, तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
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अशोक कुशवाहा ने आरोप लगाया कि इतना बड़ा टेंडर होने के बावजूद उक्त ठेके में अतिरिक्त आइटम जो करोड़ों के हैं, उनको भी बिना टेंडर किए जोड़ दिया गया है ताकि सीधे सीधे लाभ उस फर्म को मिल सके। अशोक कुशवाहा ने इस मामले में जिÞम्मेदार अधिकारियों की जांच विजिलेंस से कराने की मांग की है। कांग्रेस की प्रदेश महासचिव शबाना खंडेलवाल ने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल है, अधिकारी बेलगाम। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। मंडलायुक्त आगरा और चेयरमैन स्मार्ट सिटी अनिल कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और वे इसकी जांच करा रहे हैं।