देहारादून। धामी सरकार (Dhami Government) के वित्त व नगर विकास मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल (Premchand Agarwal) को 2022 के विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता का प्रथम दृष्टया-दोषी मानते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने आज उन्हें नोटिस जारी करते हुए अपनी सफाई पेश करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है ।
काबीना-मंत्री पर चुनाव के दौरान मतदाताओं को अपने विवेकाधीन-कोष से लगभग पांच करोड़ रुपये बांटने का आरोप है, यह धनराशि डिमांड-ड्राफ्ट के जरिए बांटी गयी, प्रत्येक डिमान्ड-ड्राफ्ट के जरिये 4975 रुपये प्रति-मतदाता बंटे, डिमांड-ड्राफ्ट विधानसभा के सचिव की तरफ़ से जारी किये गये, डिमान्ड-ड्राफ्ट पर 03 एवं 09 फरवरी, 2022 की तिथि अंकित है जबकि उत्तराखण्ड में 14 फरवरी, 2022 को मतदान हुआ था । याचिका ॠषिकेश विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याक्षी रहे कनक धनई ने दायर की है ।
धनई दो वर्ष पहले ही विलायत से पढाई कर स्वदेश लौटे हैं एवं तब से ॠषिकेश में जन-सरोकारों से जुड़े रहे हैं उन्होंनें निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में प्रेमचन्द्र के खिलाफ 13 हजार मत प्राप्त हुए थे।
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बताते चलें काबीना- मंत्री पर पिछली विधानसभा में स्पीकर रहते विधानसभा सचिवालय में हुई नियुक्तियों में भारी गोलमोल किये जाने के आरोप लगे थे और यह आरोप उनके दल के ही लोगों ने उन पर लगाये थे, विधानसभा सचिव के पद पर भी उन पर अविधिक एवं असंवैधानिक नियुक्ति किये जाने के आरोप हैं जिस पर लोग हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं ।
धनई की याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकल-पीठ ने प्रेमचन्द्र समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किये हैं । याचिकाकर्ता ने प्रेमचन्द्र का चुनाव निरस्त करने की मांग की है अपनी मांग के समर्थन में याचिकाकर्ता ने विधानसभा सचिव की तरफ से जारी डिडिमांड-ड्राफ्ट की छायाप्रति बतौर सुबूत अदालत में प्रस्तुत की है ।